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Rotomac Case: विक्रम कोठारी पर इन दो तरीकों से बैंकों को चूना लगाने का आरोप

सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशकों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे 616.69 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 07:54 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 11:24 AM (IST)
Rotomac Case: विक्रम कोठारी पर इन दो तरीकों से बैंकों को चूना लगाने का आरोप
Rotomac Case: विक्रम कोठारी पर इन दो तरीकों से बैंकों को चूना लगाने का आरोप

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होने के एक हफ्ते के भीतर रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी 3,695 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में घिर गए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही दोनों जांच एजेंसियों ने बिक्रम कोठारी के ठिकानों पर छापा भी मारा। सीबीआइ ने विक्रम कोठारी, पत्नी साधना कोठारी और बेटा राहुल कोठारी के साथ-साथ बैंक अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है।

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सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशकों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे 616.69 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है। इस साजिश में बैंक के भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। शुरुआती अनुमान लगभग 800 करोड़ रुपये के घोटाले का था, लेकिन सीबीआइ जब कोठारी के कानपुर स्थित ठिकानों पर छापा मारने पहुंची, तो पता चला कि वे बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपये ले चुके हैं। ब्याज समेत यह रकम बढ़कर अब 3,695 करोड़ रुपये हो गई है। इतने बड़े घोटाले की भनक लगते ही ईडी भी सक्रिय हो गया और मनी लांडिंग का केस दर्ज कर छापे में सीबीआइ के साथ शामिल हो गया।

दो तरीके से बैंकों को चूना लगाने का आरोप

सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार विक्रम कोठारी ने दो तरीके से बैंकों को चूना लगाया था।

पहला, उसने विदेश से आयात के लिए बैंकों से एडवांस में लोन लिया। असल में कंपनी विदेश से कुछ आयात नहीं करती थी। बाद में यह पैसा रोटोमैक कंपनी में वापस आ जाता था।

दूसरी तरफ निर्यात का ऑर्डर दिखाकर बैंकों से लोन लिया जाता था, लेकिन निर्यात करने के बजाय कंपनी पैसे को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर देती थी। यह सिलसिला 2008 से जारी था। भारत और दूसरे देशों में ब्याज दर में अंतर के आधार पर निवेश कर भी कमाई की जाती थी। रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित घर पर सोमवार को सीबीआइ व ईडी ने छापा मारा।

संपत्ति का आकलन शुरू: ईडी ने सीबीआइ की एफआइआर को आधार बनाते हुए केस दर्ज कर लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विक्रम कोठारी की संपत्तियों का पता लगाकर आकलन का काम शुरू कर दिया गया है। बताया जाता है कि कोठारी के दिल्ली स्थित आवास को सील कर दिया गया है।

कोठारी का पासपोर्ट जब्त: सीबीआइ ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी से इन्कार किया है, लेकिन छापे में घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। साथ ही इसने विक्रम कोठारी समेत आरोपियों के पासपोर्ट भी अपने कब्जे में ले लिया है। जांच अधिकारियों ने विक्रम कोठारी से पूछताछ भी की।

फ्रॉड नहीं, मामला बैंक लोन का: विक्रम कोठारी के वकील शरद कुमार बिरला का कहना है कि यह मामला फ्रॉड का कतई नहीं है। केवल लोन का मामला है। बैंकों से लोन लिया गया था, जिसे चुकाया नहीं जा सका। इस ऋण को चुकाने की प्रक्रिया जारी थी।


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