भारत की तेज आर्थिक वृद्धि से दक्षिण एशिया के विकास को मिलेगी मजबूती: वर्ल्ड बैंक
वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि का सीधा असर पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ेगा और पूरा दक्षिण एशिया पूरे विश्व में तेज विकास करनेवाला क्षेत्र बन जाएगा।
वाशिंगटन, पीटीआई। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि का सीधा असर पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ेगा और दक्षिण एशिया पूरे विश्व में तेज विकास करनेवाला क्षेत्र बन जाएगा। 2016 के दौरान इस क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि का अनुमान जहां 7.1 प्रतिशत का रहनेवाला है तो वहीं साल 2017 में ये बढ़कर 7.3 फीसदी रहने की संभावना है।
वर्ल्ड बैंक की एक साल के भीतर दो बार आनेवाली दक्षिण एशिया इकोनॉमिक फोरम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तेज आर्थिक रफ्तार को देखते हुए पूरे दक्षिण एशिया के विकास पर इसका सकारात्मक असर पड़ रहा है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2016 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर साल 2017 में 7.7 फीसदी हो जाएगी। ऐसा मुमकिन भारत में हो रहे भारी निवेश, बुनियादी संरचनाओं पर भारी भरकम खर्च, निवेश करने के माहौल में किए गए व्यापक सुधार और कॉर्पोरेट, वित्तीय बैंलेस शीट में सुधार की वजह से हो पाएगा।
वर्ल्ड बैंक दक्षिण एशिया के वाइस प्रेसिडेंट एन्नट्टे डिक्सन ने कहा कि वैश्विक हलचल के बावजूद दक्षिण एशिया की आर्थिक स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। उसकी वजह अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में इसका सीमित जोखिम, कच्चे तेल के दामों का अनुकूल होना और पूंजी प्रवाह है।
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हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राजकोषीय और वित्तीय अतिसंवेदनशीलता बनी रहेगी जिसके लिए दक्षिए एशियाई देशों को अपनी आय बढ़ाने और रोजकोषीय स्थित बेहतर करने के प्रयास करने होंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का सकल घरेलू उत्पाद सीधे तौर पर संबंधित है कृषि क्षेत्र में तरक्की और नौकरशाहों की सेवा के क्षेत्र में वित्तीय सुधार को प्रोत्साहन देने से। हालांकि, मुख्य सुधारों के उपायों को अपनाने और इसे लागू करने में देरी निवेशकों के विचारों को प्रभावित कर सकता है।
सुब्रमणियन को भरोसा, भारत में दस फीसद तक ग्रोथ की क्षमता
सुधारों की रफ्तार बनी रही तो भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ से दस फीसद तक की ग्रोथ की क्षमता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने यह बात कही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अमेरिकी यात्रा से पहले सुब्रमणियन यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात में संदेह नहीं है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को तेजी से विकास करने की जरूरत है। वह मानते हैं कि भारत में आठ से दस फीसद की आर्थिक विकास दर हासिल करने की क्षमता है। यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत बीते 35 साल से छह से साढ़े छह फीसद की रफ्तार से बढ़ रहा है। दस फीसद तक की ग्रोथ कई कारणों से संभव है। सुधारों की रफ्तार बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय कारक भी उसके पक्ष में हैं। सुधारों की मौजूदा रफ्तार को आगे भी बनाए रखना होगा।