चीनी की वैश्विक कीमतों में वृद्धि से भारतीय निर्यात की संभावनाएं उज्ज्वल: ICRA
आईसीआरए ने एक बयान में कहा अगस्त में अंतरराष्ट्रीय कच्चे चीनी की कीमतों में हाल ही में 430 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी के मद्देनजर चीनी निर्यात की संभावनाएं अगले चीनी सीजन (SY-2022) के लिए उत्साहजनक लग रही हैं
नई दिल्ली, पीटीआइ। रेटिंग एजेंसी ICRA ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक कीमतों में मजबूती ने अक्टूबर से शुरू हो रहे 2021-22 विपणन वर्ष के लिए बिना सरकारी सब्सिडी के भारत से चीनी निर्यात की संभावनाओं को तेज कर दिया है। पिछले दो वर्षों से केवल एक अनिवार्य मात्रा के लिए सरकारी सब्सिडी के साथ चीनी का निर्यात किया गया है। विपणन वर्ष 2020-21 (सितंबर-अक्टूबर) के लिए लगभग 60 लाख टन कोटा तय किया गया था और मिलों ने अब तक इसका 90 फीसद से ज्यादा निर्यात किया है।
बढ़ती वैश्विक दरों को देखते हुए मिलों ने इस साल खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) क्लास के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाए बिना कुछ मात्रा में चीनी का निर्यात भी किया है।
आईसीआरए ने एक बयान में कहा, 'अगस्त में अंतरराष्ट्रीय कच्चे चीनी की कीमतों में हाल ही में 430 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी के मद्देनजर चीनी निर्यात की संभावनाएं अगले चीनी सीजन (SY-2022) के लिए उत्साहजनक लग रही हैं, जो पिछले चार वर्षों में उच्चतम स्तर है।। यहां तक कि चीनी की कीमतें कैलेंडर 2021 की शुरुआत के बाद से अधिक चल रही हैं, वैश्विक कच्चे चीनी की कीमतों में और तेजी में सहायता के लिए कमोडिटी के लिए कम वैश्विक अधिशेष स्थिति की आशंका है।
दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक ब्राजील के लिए हाल ही में चीनी उत्पादन के आंकड़े सीजन के लिए देश के वॉल्यूम में और संकुचन की ओर इशारा करते हैं। ICRA के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि ब्राजील के चीनी उत्पादन में गिरावट का भारतीय चीनी उद्योग सीधे तौर पर लाभार्थी बन सकता है।
ICRA की उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख, अनुपमा अरोड़ा ने कहा कि परंपरागत रूप से सब्सिडी ने भारत के लिए निर्यात को व्यवाहारिक बना दिया है जिससे अर्थव्यवस्था को समय पर स्टॉक और बेहतर नकदी के अलावा घरेलू चीनी मांग-आपूर्ति संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है।