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RIL Deal: अमेजन का NCLT से अनुरोध, फ्यूचर ग्रुप के शेयरधारकों की बैठक को न दे अनुमति

उल्लेखनीय है कि फ्यूचर-रिलायंस सौदे को पहले ही सीसीआई सेबी और बैंकों से मंजूरी मिल चुकी है। अब एनसीएलटी और शेयरधारकों से व्यवस्था की योजना का इंतजार है। अमेजन ने इस मामले में फ्यूचर ग्रुप को पिछले साल अक्टूबर में सिंगापुर इंटरनेशनल

By NiteshEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:07 AM (IST)
RIL Deal: अमेजन का NCLT से अनुरोध, फ्यूचर ग्रुप के शेयरधारकों की बैठक को न दे अनुमति
RIL deal Amazon requests NCLT not to permit Future Group shareholders meet

नई दिल्ली, पीटीआइ। अमेजन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से गुहार लगाई है कि वह फ्यूचर ग्रुप के शेयरहोल्डर्स या क्रेडिटर्स की मीटिंग की अनुमति न दे। अमेजन ने पिछले सप्ताह एनसीएलटी की मुंबई-पीठ के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। एनसीएलटी ने उस अपील पर अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है, जिसमें फ्यूचर ग्रुप के खुदरा और थोक कारोबार के कंसोलिडेशन और रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में ट्रांसफर करने की अनुमति मिलती है।

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अमेजन ने अपने आवेदन में एनसीएलटी को बताया कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के एक आदेश के खिलाफ 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) दायर की है। हाईकोर्ट ने 8 फरवरी को अदालत की सिंगल मेंबर बेंच द्वारा सौदे पर दी गई 'यथास्थिति' को हटा दिया था।

अमेजन ने एनसीएलटी से "SIAC पंचाट में लंबित कार्यवाही' में इस तरह की किसी भी योजना पर विचार करने से कंपनियों के शेयरधारकों और लेनदारों की किसी भी बैठक को निर्देशित करने से मना कर दिया है। अमेरिका स्थित ई-कॉमर्स कंपनी ने कहा है कि फ्यूचर रिटेल का रिलायंस के साथ किसी भी तरह की डील तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सिंगापुर मध्यस्थता में अंतिम फैसला नहीं हो जाता। अमेजन ने कहा कि उसे यह भी डर है कि याचिका (भविष्य के अनुसार) इस ट्रिब्यूनल को गुमराह करने का प्रयास कर सकती है। अमेजन और फ्यूचर के तरफ से इस मामले पर किए गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।

उल्लेखनीय है कि फ्यूचर-रिलायंस सौदे को पहले ही सीसीआई, सेबी और बैंकों से मंजूरी मिल चुकी है। अब एनसीएलटी और शेयरधारकों से व्यवस्था की योजना का इंतजार है। अमेजन ने इस मामले में फ्यूचर ग्रुप को पिछले साल अक्टूबर में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में मध्यस्थता के लिए घसीट लिया था। इसका कहना था कि फ्यूचर ने प्रतिद्वंद्वी रिलायंस के साथ सौदे में प्रवेश करके इसके साथ एक अनुबंध का उल्लंघन किया है।


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