जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकडें हो सकते हैं संशोधित, WPI और IIP की नई सीरीज के चलते होगा बदलाव
वित्त वर्ष 2017 के आर्थिक विकास और जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन संभव है
नई दिल्ली (जेएनएन)। आने वाले महीनों में वित्त वर्ष 2016-17 के आर्थिक विकास और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के आंकड़ों को संशोधित किया जा सकता है। संशोधन के बाद जीडीपी की विकास दर में वृद्धि की उम्मीद है। यह संशोधन थोक महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक के आधार वर्ष में बदलाव की वजह से होगा।
जापानी वित्तीय एजेंसी नोमूरा का अनुमान है कि संशोधित आंकड़ों में जीडीपी की दर 6.7 फीसद से बढ़कर 7.4 फीसद हो जाएगी। पिछले सप्ताह ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने थोक महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक का आधार वर्ष 2004-05 से बदलकर 2011-12 किया था। औद्योगिक उत्पादन में संगठित क्षेत्र के आंकड़ों के साथ असंगठित मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है। जबकि थोक महंगाई दर के आंकड़े को वास्तविक ग्रॉस वैल्यू एडीशन यानी जीवीए की कीमत पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
नोमूरा ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि जीवीए की वृद्धि दर 2015-16 की 7.8 फीसद से बढ़कर 8.2 फीसद हो सकती है। जबकि 2016-17 का जीवीए 6.7 फीसद से बढ़कर 7.4 फीसद हो सकता है। जीडीपी के आंकड़े 31 मई को जारी होंगे। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2016-17 की जीडीपी वृद्धि दर भी 7.1 फीसद से बढ़कर 7.8 फीसद तक जा सकती है। आधार वर्ष बदलने का फर्क जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर भी होगा।
पुराने आधार वर्ष पर नोमूरा का अनुमान है कि 2017 की पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर बीते वर्ष की आखिरी तिमाही से कुछ धीमी रहेगी। इसके मुताबिक 2016 चौथी तिमाही की सात फीसद वृद्धि दर के मुकाबले 2017 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसद रह सकती है। हालांकि संशोधित आंकड़ों में भी विकास दर बीते वर्ष की चौथी तिमाही के मुकाबले नए साल की पहली तिमाही में धीमी ही बनी रहेगी। यह 2016 की चौथी तिमाही के 7.3 फीसद से घटकर 2017 की पहली तिमाही में 6.8 फीसद रहेगी।