आईटी डिपार्टमेंट नहीं पूछेगा आय का स्रोत: रेवेन्यु सेक्रेटरी
10 नवंबर के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने कालेधन का खुलासा करता है तो टैक्स डिपार्टमेंट उससे आय का स्त्रोत नहीं पूछेगा
नई दिल्ली। 10 नवंबर के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने कालेधन का खुलासा करता है तो टैक्स डिपार्टमेंट उससे आय का स्त्रोत नहीं पूछेगा। खुलासा की गई रकम पर 50 फीसदी पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है। सरकार की ओर से आज लोकसभा में पेश किये गए संशोधन बिल के मुताबिक कोई भी व्यक्ति 30 दिसंबर तक 50 फीसदी टैक्स का भुगतान करने अपने कालेधन का खुलासा कर सकता है। लेकिन यदि किसी टैक्स अथॉरिटी की ओर से किसी व्यक्ति से आय का स्त्रोत पूछा जाता है और वह आय का सही स्त्रोत नहीं बता पाता है तो उस पर 85 फीसदी तक की पेनल्टी लगाई जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर को 1000 और 500 के नोट बंद करने का फैसला लिया था, जिसके बाद बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा हुई है।
अगर खुद की ब्लैकमनी की घोषणा
इस संशोधन के बाद यदि कोई व्यक्ति खुद ब्लैकमनी डिक्लेयर करता है तो उसे करीब 50 फीसदी टैक्स देना होगा। 25 फीसदी रकम चार साल के लिए फ्रीज हो जाएगी और 25 फीसदी रकम ब्लैकमनी डिक्लेयर करने वाले को मिल जाएगी। उसे ब्लैकमनी रखने के लिए मुकदमें का सामना नहीं करना पड़ेगा। खुद ब्लैकमनी डिस्क्लोज करने वाले इस मौके को सरकार ने गरीब कल्याण योजना का नाम दिया है। नोटबंदी के बाद मिलने वाली कुल रकम में से 25 फीसदी रकम का इस्तेमाल इस योजना में किया जाएगा। इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए घर, शौचालय बनाने और सिंचाई सुविधाएं विकसित करने में किया जाएगा।
अगर खुद से डिक्लेयर नहीं किया ब्लैकमनी तो?
अगर आपने खुद ब्लैकमनी का खुलासा नहीं किया और इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के सामने आप रकम को वैध साबित नहीं कर पाते हैं तो आपको रकम का करीब 90 फीसदी जुर्माना देना होगा। इसके अलावा ब्लैकमनी रखने के मामले में इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट आप पर मुकदमा भी चलाएगा।