Move to Jagran APP

Retail Inflation: जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़ी, खाने-पीने के सामान हुए और महंगे

Inflation सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 2-6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है। (PC AP)

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 07:36 AM (IST)
Retail Inflation: जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़ी, खाने-पीने के सामान हुए और महंगे
Retail Inflation: जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़ी, खाने-पीने के सामान हुए और महंगे

नई दिल्ली, पीटीआइ। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में मुख्य रूप से बढ़ोत्तरी से जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.93 फीसद हो गई। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खाद्य महंगाई दर भी बढ़कर 9.62 फीसद पर रही। इससे पहले जून में खुदरा मुद्रास्फीति 6.23 फीसद पर थी। वहीं, खाद्य मुद्रास्फीति 8.72 फीसद पर थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य से अधिक रही है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 2-6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है। 

loksabha election banner

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा है कि आम तौर पर 1,114 शहरी बाजारों और चुनिंदा 1,181 गांवों में एनएसओ के फील्ड ऑपरेशन्स डिविजन के फील्ड स्टाफ साप्ताहिक रोस्टर के आधार पर खुद जाकर वस्तुओं के दाम का डेटा एकत्र करते हैं। NSO ने कहा है कि महामारी से जुड़े विभिन्न प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाए जाने एवं नॉन-इसेंशियल गतिविधियों के फिर से शुरू होने के साथ जुलाई में मूल्य से जुड़े आंकड़े की उपलब्धता भी बढ़ी। जुलाई में 1,054 (95 फीसद) शहरों और 1,089 (92 फीसद) गांवों से सामानों की कीमतों के आंकड़े जुटाए गए।

पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में रखने के लिए नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखने का फैसला किया था। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। 

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (रिसर्च) राहुल गुप्ता ने मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर कहा है, ''जुलाई में मुद्रास्फीति जून के 6.09% से बढ़कर 6.93% पर पहुंच गई। बाजार की अपेक्षा की तुलना में सीपीआई बहुत अधिक आया है; रॉयटर्स पोल 6.18% था। मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण सीपीआई आरबीआई की लक्ष्य सीमा से ऊपर रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बावजूद खाद्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय है क्योंकि क्षेत्रीय लॉकडाउन अभी भी कायम है। आखिरकार, बेहतर मानसून और लॉकडाउन और शिथिल होने के साथ, हम मुद्रास्फीति को आरबीआई की लक्ष्य सीमा के तहत आने की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन जब तक सीपीआई 6% से ऊपर रहेगा, तब तक आरबीआई रेपो दर में कटौती करने से हिचकिचाता रहेगा।''

वहीं, निवेश परामर्श से जुड़ी कंपनी मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ नीश भट्ट ने भी लगभग इसी तरह की बात कही है। उन्होंने कहा है, ''जुलाई की मुद्रास्फीति की दर 6.93% रही, जो कि उम्मीद से ऊपर है। यह लगातार चौथा महीना है कि खुदरा मुद्रास्फीति 6% से ऊपर रही है, जो कि आरबीआई की 2-6% की सीमा से अधिक है। माल की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और बाकी के मौसम के लिए एक अच्छा मानसून एक उद्धारकर्ता होगा। अधिकांश घटकों के लिए मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़ी, जहाँ वेजीटेबल (14%) और खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति (9.62%) के साथ एक बड़े पैमाने पर शीर्षक आंकड़ा में योगदान दिया। लॉकडाउन के बावजूद उच्च मुद्रास्फीति, कम ईंधन की कीमतें चिंता का कारण है, उच्च मुद्रास्फीति आगे चलकर केंद्रीय बैंक की दरों पर कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।''


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.