जनवरी में महंगाई दर के आसमान छूने का अनुमान, पहुंच सकती है छह साल के उच्चतम स्तर पर
खाने-पीने के सामान की कीमतों में तेजी के कारण महंगाई दर छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है।
नई दिल्ली, रायटर्स। भारत की खुदरा महंगाई दर जनवरी में करीब छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है। खाने-पीने के सामानों की कीमतों में तेजी की वजह से मुद्रास्फीति में यह तेजी दर्ज की जा सकती है। रायटर्स के एक पोल में अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही। मुद्रास्फीति के आसमान पर चढ़ने के कारण केंद्रीय बैंक को आने वाले महीनों में ब्याज दरों को यथावत बनाकर रखना पड़ सकता है। पांच से सात फरवरी के बीच हुए पोल में 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों का मानना था कि जनवरी में भारत का CPI आधारित महंगाई दर 7.40 फीसद तक पहुंच सकता है। दिसंबर में मुद्रास्फीति 7.35 फीसद पर थी, जो मई 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर है।
हालांकि, करीब आधे अर्थशास्त्रियों ने कहा कि जनवरी में कीमतों का दबाव घटा है। हालांकि, किसी भी अर्थशास्त्री ने इस पक्ष में पोल नहीं किया कि महंगाई दर आरबीआई की मध्यम अवधि के 2-6% लक्ष्य के दायरे में रहेगी।
आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि की रफ्तार मंद होने के बावजूद गुरुवार को रेपो रेट को 5.15 फीसद पर यथावत रखा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने महंगाई से जुड़े अपने अनुमान में भी बदलाव किया था। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई दर 5.0-5.4 फीसद के बीच रह सकती है।
कैपिटल इकोनॉमिक्स में एशिया इकोनॉमिस्ट डेर्रेन एव ने इस बारे में कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी के कारण जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि साप्ताहिक आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि सब्जियों के दाम अब भी बहुत ज्यादा है। इसके साथ ही आपूर्ति से जुड़ी दिक्कतों के कारण दूध उत्पादक कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोत्तरी की है। हालांकि, हालिया आंकड़े दिखाते हैं कि प्याज सहित कुछ सब्जियों के भाव में कमी आई है। इसके साथ ही चीन में कोरोनावायरस के फैलने के कारण तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है।