खेतिहर मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों के लिए अगस्त में खुदरा महंगाई में मामूली राहत
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सात महीनों में महंगाई से राहत की मुख्य वजह सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान मजदूरों सहित गरीब लोगों की मदद के लिए घोषित राहत उपाय है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी की वजह से अगस्त में खेतिहर मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर क्रमशः घटकर 6.32 फीसद और 6.28 फीसद पर पहुंच गई। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि CPI-AL (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-एग्रीकल्चरल लेबर) और CPI-RL (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-रूरल लेबर) के आधार पर महंगाई प्वाइंट-टू-पॉइंट अगस्त 2019 में क्रमशः 6.39 फीसद और 6.23 फीसद थी।
राज्यों में सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल में अधिकतम वृद्धि पश्चिम बंगाल राज्य (क्रमशः 27 अंक और 28 अंक) देखी गई। इसकी मुख्य वजह गेहूं-अटा, दाल, सरसों-तेल, दूध, मिर्च, अदरक, देशी शराब, जलाऊ लकड़ी, बीड़ी, मांस बकरी, मछली सूखा, बीड़ी, बस किराया, सब्जियां और फल आदि की कीमतों में वृद्धि है।
CPI-AL और CPI-RL में अधिकतम कमी केरल (क्रमशः 6 अंक और 8 अंक) में दर्ज की गई। इसकी मुख्य वजह दाल, नारियल तेल, सूखा मिर्च, प्याज, मछली आदि की कीमतों में गिरावट है।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सात महीनों में महंगाई से राहत की मुख्य वजह सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान मजदूरों सहित गरीब लोगों की मदद के लिए घोषित राहत उपाय है। उन्होंने कहा कि सूचकांक में वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों के वेतन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
महानिदेशक श्रम ब्यूरो डी एस नेगी ने कहा कि श्रम ब्यूरो COVID -19 के कठिन समय के दौरान भी पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मासिक सूचकांक लाने में सक्षम रहा है।