RBI ने नहीं की रेपो रेट में कोई कटौती, रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी से मिलेगा बैंकों को फायदा
RBI ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया है
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरूवार को खत्म हुई दो दिवसीय बैठक के बाद आज क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया। RBI ने नीतिगत दरों (रेपो रेट) को बिना बदलाव 6.25 फीसद के स्तर पर बरकरार रखा है। साथ ही सीआरआर में भी कोई बदलाव न करके इसे 4 फीसद के स्तर पर बरकराब रखा है। हालांकि रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में इजाफा किया है। इसे 5.75 फीसद से बढ़ाकर 6 फीसद कर दिया गया है। गौरतलब है कि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई में जमा राशि पर ब्याज मिलता है।
एमपीसी से सभी सदस्य रेट कट न करने के पक्ष में
रेपो रेट में कटौती न करने की वजह मानसून और जीएसटी के बाद महंगाई बढ़ने के खतरे को बताया गया है। एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट में बढ़ोतरी न करने के पक्ष में अपना वोट किया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2017 की चौथाई तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5 फीसद के नीचे रहेगी। वहीं वित्त वर्ष 2018 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में महंगाई दर के औसतन 4.5 फीसद और दूसरी छमाही में 5 फीसद रहने का अनुमान है।
रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का होगा बैंकों को फायदा
रिवर्स रेपो रेट में आरीबाई की ओर से चौथाई फीसद की बढ़ोतरी का बैंकों के लिहाज से सकारात्मक खबर है। नोटबंदी के बाद भारी मात्रा में बैंकों में जमा हुए पैसे पर अब बैंकों को ज्यादा ब्याज मिल सकेगा। इस खबरे के बाद चुनिंदा बैंकिंग शेयरों में खरीदारी देखने को मिली।
REITs और InvITs में सीधे निवेश कर पाएंगे बैंक
मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा में यह भी संकेत दिये गए कि रिजर्व बैंक जल्द ही बैंकों को सीधे REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और InvITs (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में निवेश करने की मंजूरी दे सकता है। इससे जुड़ी गाइडलाइन्स मई अंत तक जारी की जाएंगी। इस खबर के बाद रियल्टी शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर रियल्टी इंडेक्स करीब एक फीसद की बढ़त के साथ बंद हुआ।
क्या कहा डिप्टी गवर्नर विरल आचर्य ने-
अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के मद्देनजर हम धीरे-धीरे तैयारी कर रहे हैं। मौजूदा समय में हमें अतिरिक्त तरलता में लीकेज पर गौर करने की जरूरत नहीं है। रिवर्स रेपो की बड़ी मात्रा के माध्यम से तरलता धीरे धीरे कम हो रही है।
क्या कहा डिप्टी गवर्नर एस एस मुंद्रा ने-
अगर जरूरत पड़ी तो हम मौजूदा बैड लोन संकल्प उपकरणों पर फिर से गौर करेंगे। एनपीए संकल्प के लिए एक ही सल्यूशन काफी नहीं है। नए बैड लोन में सापेक्षता के आधार पर कमी आई है। ग्रोथ को सहारा देने के लिए बैंक पूंजी की अधिक मांग की जरूरत है। पीएसयू बैंकों को पूंजी की जरूरत है ताकि वो अपनी ग्रोथ को सहारा दे सके।
क्या कहा आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने:
एनपीए रेज्योल्युशन के लिए और प्रयास सामने आएंगे। एक सहमति बनाए जाने की दरकार है ताकि कर्जमाफी के वादों से बचा जा सके। किसानों की कर्जमाफी ईमानदार क्रेडिट संस्कृति को कम कर देती है और यह क्रेडिट अनुशासन को प्रभावित करती है।
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