राज्यों की ओर से कर्जमाफी की कुल लागत 2.3 लाख करोड़ तक होगी: रिपोर्ट
देश के चार राज्य फसल कर्जमाफी का एलान कर चुके हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के राज्यों में फसल कर्जमाफी की घोषणा करने की होड़ सी मची हुई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर राज्यों के बीच यही ट्रेंड जारी रहा तो इसकी लागत करीब 1.5 से लेकर 2.3 ट्रिलियन तक जा सकती है और इसका नुकसान बैंकों को हो सकता है। गौरतलब है कि अब तक देश के 4 राज्य फसल कर्जमाफी की घोषणा कर चुके हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने करीब 30 से 40 फीसद तक के फसल कर्ज को माफ कर दिया है, जबकि पंजाब के लिए यह 15 फीसद रहा। इसी बीच कर्नाटक ने भी बीते दिनों फसल कर्जमाफी की घोषणा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात की संभावना तेज है कि मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा भी इसी ट्रेंड को फॉलो कर सकते हैं। एडलवेज के एक रिसर्च नोट में कहा गया है, “अगर यह ट्रेंड जारी रहता है तो फसल कर्ज का 20 से 30 फीसद हिस्सा माफ किया जा सकता है, तो इस हिसाब से कुल फसल कर्जमाफी का आंकड़ा 1.5 से 2.3 ट्रिलियन (लाख करोड़) तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा वित्त वर्। 2017-18 की जीडीपी का 1.0 से 1.5 फीसद है।”
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकारें जो फसल पर कर्जमाफ कर रही हैं उन्हें अपने खर्चों में से खर्च नहीं कर रही हैं, बल्कि उन्हें उधार लेकर चुका रही हैं। ऐसे में अगर राज्य की सरकारें 3-4 साल तक ऐसा करती रहीं तो उन्हें आगे कर्ज लेने में मश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।