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रेपो रेट से जुड़े होम लोन पर करना चाहते हैं शिफ्टिंग, इन बातों का रखें ध्यान

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक में कहा था कि बैंक जल्द से जल्द ग्राहकों को रेपो रेट में कमी का फायदा देना सुनिश्चित करें।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 04:50 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:00 AM (IST)
रेपो रेट से जुड़े होम लोन पर करना चाहते हैं शिफ्टिंग, इन बातों का रखें ध्यान
रेपो रेट से जुड़े होम लोन पर करना चाहते हैं शिफ्टिंग, इन बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में कटौती की है। जिसके बाद आरबीआई के कहने पर कई सरकारी बैंकों ने अपने होम लोन को रेपो रेट से लिंक कर दिया है। रेपो रेट घटने से कर्ज लेने वालों को फायदा मिलेगा। इस कैलंडर वर्ष में रेपो रेट में अब तक 110 बेसिस पॉइंट्स की कमी की गई है, हालांकि, बैंकों ने इसका पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दिया है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक में कहा था कि बैंक जल्द से जल्द ग्राहकों को रेपो रेट में कमी का फायदा देना सुनिश्चित करें।

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रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से बेहतर ट्रांसमिशन होगा और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। रेपो रेट में जब 35 बेसिस पॉइंट्स की कमी हुई तब एसबीआई ने RLLR बेस्ड होम लोन रेट में भी इतनी ही कमी की। इसके बाद एसबीआई के नए और मौजूदा लोन लेने वालों के लिए इसका फायदा मिलेगा। जो रेट पहले 8.4% थी अब यह 8.05 हो जाएगा।

एक्सपर्ट बताते हैं कि RLLR होम लोन MCLR लिंक्ड लोन से 25-45 बेसिस पॉइंट्स सस्ते हैं, जिसका फायदा मौजूदा लोन लेने वालों को मिलेगा। कुछ अन्य बैंकों ने आने वाले दिनों में रेपो रेट से लोन रेट जोड़ने की घोषणा की है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो लोग अभी होम लोन चुका रहे हों, उन्हें अपने मौजूदा MCLR से जुड़े लोन लोन के बारे में थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। चुकी यह देखा जा रहा है कि RLLR को बैंक धीरे-धीरे अपना रहे हैं। इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि जो बैंक इसे लिंक नहीं कर रहे वे आने वाले समय में ऐसा प्रोडक्ट लॉन्च कर दें। ऐसे में दूसरे बैंक के पास शिफ्ट होने में आसानी रहेगी।

अपने ही बैंक के RLLR पर शिफ्ट होने से यह काम आसान होगा। अगर आप दूसरे बैंक के पास जाना चाहते हों तो प्रोसेसिंग, वैल्यूएशन और लीगल फीस जैसे दूसरे चार्ज भी आपको देने होंगे। एक्सपर्ट कहते हैं कि आप उन बैंक को चुनें, जिसका स्प्रेड सबसे कम हो क्योंकि वह आरबीआई की ओर से तय रेपो रेट पर सबसे कम मार्जिन ले रहा है।


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