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मध्यमवर्ग को राहत और शेयर बिक्री से मुनाफे पर बढ़ सकता है टैक्स, 80 सी के तहत राहत बढ़ाने पर विचार

अगर किसी शेयर को एक साल के अधिक समय के बाद बेचा जाता है और उससे मुनाफा होता है तो उस पर लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत 10 फीसद का टैक्स लगता है। अगर 12 महीने से पहले शेयर को बेचकर मुनाफा वसूली की जाती है

By NiteshEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 08:30 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 07:24 AM (IST)
मध्यमवर्ग को राहत और शेयर बिक्री से मुनाफे पर बढ़ सकता है टैक्स, 80 सी के तहत राहत बढ़ाने पर विचार
Relief to the middle class and increase in tax on profits from share sale

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार स्टॉक की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर अधिक टैक्स का प्राविधान कर सकती है। वहीं, मध्यवर्ग के हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसे देने की मंशा से 80सी की सीमा भी बढ़ा सकती है। पिछले दो सालों से 80सी के तहत टैक्स बचत की 1.5 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाने की मांग चल रही है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना काल में इक्विटी बाजार की ओर खुदरा निवेशकों के तेजी से बढ़ रहे रुझान को देखते हुए सरकार स्टॉक बिक्री से होने वाले मुनाफे पर पहले के मुकाबले अधिक टैक्स ले सकती है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक स्टॉक की खरीद-फरोख्त से पिछले एक-डेढ़ साल में लोग इक्विटी बाजार से भारी कमाई करने लगे हैं। यही वजह है कि इक्विटी की खरीदारी के लिए जरूरी डीमैट खाते की संख्या में मात्र दो साल में दोगुनी से अधिक बढ़ोतरी हुई है।

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वित्त वर्ष 2018-19 में डीमैट खातों की संख्या 3.6 करोड़ थी जो पिछले साल नवंबर के अंत तक 7.4 करोड़ हो गई। प्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ और चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) असीम चावला ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में टाटा की किसी भी इक्विटी में 150 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। वैसे ही अन्य इक्विटी में हुई है और इसका सीधा फायदा निवेशकों को मिल रहा है। चावला ने बताया कि जिस दर से लोग स्टॉक या इक्विटी की बिक्री कर मुनाफा कमा रहे हैं, उन पर लगने वाले टैक्स की दर उतनी नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक स्टॉक की बिक्री से तीन तरीके से मुनाफा वसूली होती है।

अगर किसी शेयर को एक साल के अधिक समय के बाद बेचा जाता है और उससे मुनाफा होता है तो उस पर लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत 10 फीसद का टैक्स लगता है। अगर 12 महीने से पहले शेयर को बेचकर मुनाफा वसूली की जाती है तो उसपर शार्ट टर्म कैपिटल गेन के तहत 15 फीसद टैक्स लगता है और अगर इंट्राडे यानी कि एक दिन में शेयर की खरीद-बिक्री पर मुनाफा कमाने पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। चावला कहते हैं कि सरकार इस बात पर हर हाल में विचार कर रही है कि दो साल में 150 फीसद की कमाई पर सिर्फ 10 फीसद टैक्स क्यों लग र हा है। दूसरी तरफ चालू वित्त वर्ष में कर संग्रह के मोर्चे पर सरकार काफी मजबूत स्थिति में है।

चालू वित्त वर्ष में दिसंबर मध्य तक प्रत्यक्ष कर के संग्रह में पिछले वित्त वर्ष की समान अधिक के मुकाबले 60.2 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है। प्रत्यक्ष और परोक्ष कर की वसूली इस साल अप्रैल-अक्टूबर में कोरोना पूर्व काल वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 30 फीसद अधिक है। सीए प्रवीण शर्मा कहते हैं कि अगले साल सरकार पर कर संग्रह का दबाव नहीं होगा। ऐसे में आयकर अधिनियम के 80सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ाने की पूरी संभावना है।


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