PCA से मिलेगी राहत, 11 सरकारी बैंकों के नतीजों की समीक्षा के बाद फैसला लेगा RBI
बढ़ते एनपीए की समस्या से निपटने के लिए आरबीआई ने 23 में से 11 सरकारी बैंकों को पीसीए में डाल रखा है, और इसकी वजह से उनके कर्ज देने और नए ब्रांचों के खोलने पर मनाही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) में शामिल बैंकों को जल्द ही राहत मिल सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के विशेषज्ञों की समिति इन सरकारी बैंकों के दिसंबर तिमाही के नतीजों की समीक्षा करने के बाद ही इस बारे में फैसला लेगी।
बढ़ते एनपीए की समस्या से निपटने के लिए आरबीआई ने 23 में से 11 सरकारी बैंकों को पीसीए में डाल रखा है, जिसकी वजह से उनके कर्ज देने और नए ब्रांचों के खोलने पर मनाही है। हालांकि, सरकार कर्ज प्रवाह को बढ़ाने के लिए आरबीआई से पीसीए में राहत देने की अपील कर चुकी है। सरकार कुछ बैंकों को पीसीए प्रावधानों से बाहर किए जाने के पक्ष में है।
आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में गुरुवार को बोर्ड फॉर फाइनैंशियल सुपरविजन (बीएफएस) की बैठक हुई और इसमें बैंकों के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के वित्तीय प्रदर्शन के अनुमानों की समीक्षा की गई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के बाद तीन या चार सरकार बैंकों को राहत दिए जाने की उम्मीद है। एनपीए की वजह से इन बैंकों की नियामकीय पूंजी में कमी आई है और घाटा भी बढ़ा है।
हालांकि बैंकों के वित्तीय नतीजे आने के बाद ही विशेषज्ञों की समिति इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला लेगी। इस महीने के अंत तक इन बैंकों के नतीजे आ जाएंगे। पीसीए में शामिल कमजोर बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने हाल ही में कुछ बैंकों को पूंजीगत मदद दी है।
देश में कुल 21 बैंक सूचीबद्ध हैं और यह अर्थव्यवस्था में दिए जाने वाले कुल लोन की दो तिहाई हिस्सेदारी पर नियंत्रण रखते हैं। इनमें से आधे से अधिक के पीसीए में जाने की वजह से सरकार इस नियंत्रण में नरमी चाहती है।
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