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Reliance Jio, वोडाफोन आइडिया ने सितंबर में 94 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया

उद्योग जगत इससे निकलने के रास्ते तलाश रहा है जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती और सरकार के साथ जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी करना शामिल है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:50 AM (IST)
Reliance Jio, वोडाफोन आइडिया ने सितंबर में 94 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया
Reliance Jio, वोडाफोन आइडिया ने सितंबर में 94 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया

नई दिल्ली, पीटीआइ। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन, रिलायंस जियो और आइडिया ने सितंबर में दूरसंचार विभाग को करीब 94 करो़ड़ रुपये का भुगतान किया है। यह स्पेक्ट्रम की बकाया राशि थी, जिसका भुगतान कंपनी ने किया है। आधिकारिक सूत्रों से यह जानकारी मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया ने 54.52 करोड़ रुपये जबकि रिलायंस जियो ने करीब 39.1 करोड़ रुपये दिए हैं।

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किस्तों में भुगतान की सुविधा

हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर रिलायंस जियो की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, जबकि वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी कारोबार से जुड़े मामलों पर टिप्पणी नहीं करती है। बता दें कि कंपनियों के पास स्पेक्ट्रम का बकाया चुकाने के लिए किस्तों की सहूलियत है। सरकार ने उन्हें यह सुविधा दे रखी है। संकटग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र को स्पेक्ट्रम के भुगतान में दिक्कत न हो इसके लिए सरकार ने पिछले साल किस्तों की संख्या 10 से बढ़ाकर 16 कर दी थी।

हाल ही में वोडाफोन समूह के चेयरमैन जेरार्ड क्लिस्टरली और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड की मुलाकात दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से हुई। इस बैठक में कंपनी ने कहा कि उसके स्पेक्ट्रम के भुगतान की वसूली दो साल के लिए टाल दी जाए, इसके अलावा कंपनी ने अन्य राहत उपायों की भी मांग की है।

इस वजह से बढ़ी है टेलिकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा

ब्रिटिश टेलीकॉम दिग्गज ने दावा किया कि वोडाफोन और आइडिया के बीच व्यापार के सफल एकीकरण पर केंद्रित है। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो द्वारा यूजर्स को हर तरह की सुविधा देने से टेलिकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है जिससे कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आई है, साथ ही उनका कर्ज बढ़ गया है।

ऐसे में उद्योग जगत इससे निकलने के रास्ते तलाश रहा है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती और सरकार के साथ जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी करना शामिल है। 


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