डी6 की आधी से ज्यादा जगह छोड़ेगी रिलायंस
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा गोदावरी [केजी] बेसिन स्थित डी6 ब्लॉक की 55 फीसद जगह छोड़ने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में स्थित इस ब्लॉक के 7,645 वर्ग किलोमीटर में से कंपनी 4,266 वर्ग किलोमीटर इलाका खाली करने को तैयार है। यह पेट्रोलियम मंत्रालय से हुए करार के मुताबिक कम है। वर्ष 2011 में इस ब्लॉक का प्रदर्शन आधारित ऑडिट करने के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद मंत्रालय ने कंपनी को 5,
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा गोदावरी [केजी] बेसिन स्थित डी6 ब्लॉक की 55 फीसद जगह छोड़ने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में स्थित इस ब्लॉक के 7,645 वर्ग किलोमीटर में से कंपनी 4,266 वर्ग किलोमीटर इलाका खाली करने को तैयार है। यह पेट्रोलियम मंत्रालय से हुए करार के मुताबिक कम है। वर्ष 2011 में इस ब्लॉक का प्रदर्शन आधारित ऑडिट करने के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद मंत्रालय ने कंपनी को 5,970 वर्ग किलोमीटर इलाका छोड़ने को कहा था।
तेल एवं गैस खोज के लिए सरकार से हुए करार के मुताबिक पहले चरण की खोज के बाद 25 फीसद इलाका खाली करना कंपनी के लिए जरूरी है। साथ ही इस खोज का काम तीन साल में पूरा हो जाना चाहिए। वहीं दूसरे चरण के अंत में 50 फीसद जगह पर से कंपनी का कब्जा खत्म होना अनिवार्य है। तीसरे चरण में कंपनी को सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में बने रहने की इजाजत है, जहां वह खोज करने में सफल रही है और उत्पादन के लिए उस क्षेत्र का विकास करना आवश्यक है। इन दोनों चरणों के लिए समय सीमा दो-दो साल निर्धारित की गई थी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज [आरआइएल] और कनाडा की निको रिसोर्सेज ने डी6 ब्लॉक में तेल व गैस खोज का काम वर्ष 2000 में शुरू किया था। पहले चरण का काम सात जून, 2003 को समाप्त हो गया। वहीं दूसरा चरण सात जून, 2005 को पूरा हो गया। तीसरा चरण सात जून, 2007 को खत्म हुआ। इसी करार के आधार पर हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय [डीजीएच] ने कंपनी से 5,970 वर्ग किलोमीटर इलाका छोड़ने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि पेट्रलियम मंत्रालय ने अभी तक रिलायंस को इस बारे में आदेश नहीं दिया है।