जैसा उद्योग वैसी स्वास्थ्य बीमा स्कीम
पारिवारिक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के बाद अब साधारण बीमा कंपनियों ने वर्ग विशेष पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (आरजीआइ) कंपनी अब पेशेवरों के अलग-अलग वर्गो के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है। कंपनी के सीईओ राकेश जैन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि आने
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। पारिवारिक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के बाद अब साधारण बीमा कंपनियों ने वर्ग विशेष पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी अब पेशेवरों के अलग-अलग वर्गो के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है। कंपनी के सीईओ राकेश जैन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि आने वाले दिनों में आइटी, पावर और सीमेंट क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए हेल्थ बीमा पॉलिसी लाई जा सकती है। पेश हैं जैन से साक्षात्कार के प्रमुख अंश
इस तरह की पालिसी की जरूरत क्यों महसूस हुई?
दरअसल अभी तक कॉरपोरेट्स को नजर में रखकर या उनसे विचार-विमर्श कर उनकी जरूरतों के मुताबिक प्लान बनाने पर काम ही नहीं हो रहा है। कंपनियां क्लेम के प्रति बहुत ज्यादा चिंतित रहती हैं। हमारी रणनीति ऐसी कंपनियों के साथ मजबूत भागीदारी बनाने की है। उनके बिजनेस को समझकर हम प्लान पर काम करते हैं ताकि जब कभी क्लेम लेने की स्थिति बने तो हम उनकी मदद कर सकें।
ऐसे किन उद्योग क्षेत्रों पर आपकी नजर है?
हम अलग-अलग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनसे बातचीत कर रहे हैं। अभी सीमेंट, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र पर काम कर रहे हैं। इसके तहत उनके जोखिम पर आधारित योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
क्या महिलाओं की भांति अन्य प्रोफेशन पर आधारित हेल्थ बीमा स्कीमों की आगे योजना है?
इस पर विचार चल रहा है। महिलाओं के लिए विशेष स्कीम चल रही है। आगे इस कड़ी में अध्यापक जैसे दूसरे पेशों को भी शामिल किया जाएगा।
और किन उद्योग क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है?
सेक्टर कोई मुद्दा नहीं है। लघु व मझोले उद्योग क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। एसएमई क्षेत्र स्वास्थ्य बीमा के लिहाज से काफी आकर्षक हो सकता है। अभी आमतौर पर छोटी व मझोली यूनिटों के कर्मचारी हेल्थ बीमा के दायरे में नहीं आते। हम अपने एजेंटों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे एसएमई क्षेत्र पर ध्यान दें।
जल्द क्लेम निपटाने को लेकर आप क्या कर रहे हैं?
इसके लिए हम अपनी थर्ड पार्टी एजेंसी स्थापित कर रहे हैं। हेल्थ बीमा में अपनी टीपी होने से बीमा धारकों को क्लेम लेने में आसानी होगी और कम समय लगेगा।