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Reliance Capital की संपत्ति खरीदने के लिए 10 और कंपनियों ने लगाई बोली, एसबीआई लाइफ भी रेस में

भारतीय स्टेट बैंक की सब्सिडियरी कंपनी एसबीआई लाइफ ने भी रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी लेने के लिए रुचि दिखाई है। रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस जापान की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी निप्पॉन लाइफ के साथ एक साझा उपक्रम है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 06:41 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 11:11 AM (IST)
Reliance Capital की संपत्ति खरीदने के लिए 10 और कंपनियों ने लगाई बोली, एसबीआई लाइफ भी रेस में
अनिल अंबानी की तस्वीर P C : ANI

नई दिल्ली, पीटीआइ। अनिल अंबानी की संकटग्रस्त कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की संपत्ति खरीदने के लिए दस और बोलियां प्राप्त हुई हैं। इनमें एसबीआई लाइफ भी शामिल है। इस महीने की शुरुआत में डिबेंचर होल्डर्स की समिति ने ईओआई जमा कराने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 17 दिसंबर, 2020 कर दिया था। इसके बाद दस और बोलियां रिलायंस कैपिटल की संपत्तियों के लिए आ गई हैं। इस तरह अब तक कुल 70 बोलियां प्राप्त हो चुकी है। सुत्रों ने यह जानकारी दी है।

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भारतीय स्टेट बैंक की सब्सिडियरी कंपनी एसबीआई लाइफ ने भी रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी लेने के लिए रुचि दिखाई है। रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस जापान की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी निप्पॉन लाइफ के साथ एक साझा उपक्रम है। इसने 30 सितंबर, 2020 को 1196 करोड़ रुपये में कंपनी में 49 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी।

सितंबर महीने के आखिर में 21,912 करोड़ के एयूएम वाली इस जीवन बीमा कंपनी को साल 2019-20 के दौरान 35 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। 

आरसीएल की परिसंपत्तियों के विमुद्रीकरण की शुरुआत डिबेंचर होल्डर्स कमेटी और विस्त्रा आईटीसीएल इंडिया द्वारा की गई थी, जिसका फर्म के कुल बकाया ऋण में 93 फीसद हिस्सा है। कंपनी का कुल बकाया कर्ज करीब 20,000 करोड़ रुपये है।

अनिल अंबानी की कंपनियों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एआरसी और रिलायंस हेल्थ शामिल हैं। इन सभी कंपनियों की संपत्तियों को खरीदने के लिए अलग-अलग कंपनियों ने बोलियां लगाई हैं।

बता दें कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की 100 फीसद हिस्सेदारी रिलायंस कैपिटल के पास है। संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया इसी साल अक्टूबर में शुरू हुई थी। कंपनी ने इस तरह अपना कर्ज खत्म करने की योजना बनाई है।


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