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12,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज कम करने की तैयारी में रिलायंस कैपिटल, हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाएगी कंपनी

रिलायंस कैपिटल की योजना अगले से तीन से चार महीनों के भीतर कर्ज में 10000-12000 करोड़ रुपये की कटौती करने की है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 04:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 08:24 AM (IST)
12,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज कम करने की तैयारी में रिलायंस कैपिटल, हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाएगी कंपनी
12,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज कम करने की तैयारी में रिलायंस कैपिटल, हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाएगी कंपनी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल अपनी हिस्सेदारी बेचकर कर्ज को कम करने की योजना पर तेजी से काम कर रही है।

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कंपनी की योजना अगले से तीन से चार महीनों के भीतर कर्ज में 10,000-12,000 करोड़ रुपये की कटौती करने की है। कंपनी यह रकम दो वेंचर्स में अपनी हिस्सेदारी बेचकर जुटाएगी। इसके साथ ही उसकी योजना गैर प्रमुख संपत्तियों को भी बेचने की है।

जारी बयान में रिलायंस कैपिटल ने बताया है वह रिलायंस निप्पन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (RNAM) में अपनी 43 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी। वहीं, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (आरजीआईसीएल) में रिलायंस कैपिटल अपनी 49 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी।

आरजीआईसीएल, रिलायंस कैपिटल की पूर्ण सहायक कंपनी है। रिलायंस कैपिटल ने कहा है कि उसकी योजना ''अगले तीन से चार महीने में कर्ज में करीब 10,000-12,000 करोड़ रुपये की कटौती करने की है।'' इससे कंपनी के कुल कर्ज में करीब 50-60 फीसद की कमी आएगी। कंपनी ने कहा है, 'कर्ज में कमी के लिए वह RNAM की 43 फीसद हिस्सेदारी जबकि आरजीआईसीएल की 49 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी। इसके साथ कई अन्य गैर प्रमुख निवेशों की भी बिक्री की जाएगी।'

कंपनी के मुताबिक RNAM की हिस्सेदारी बिक्री से उसे करीब 5,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं आरजीआईसीएल के आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निगम) के दस्तावेज बाजार नियामक सेबी को सौंपे जा चुके हैं।

रिलायंस कम्युनिकेशंस के दीवालिया प्रक्रिया में जाने के बाद से अनिल धीरुभाई अंबानी समूह की कंपनियों के शेयरों की जबरदस्त पिटाई हुई है।

पिछले एक साल के दौरान कंपनी का शेयर करीब 55 फीसद तक टूट चुका है। दिसंबर 2018 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी में प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 52.24 फीसद है, जिसका 74.55 फीसद हिस्सा गिरवी रखा गया है।

दिसंबर तिमाही में जहां कंपनी में म्युचुअल फंड की हिस्सेदारी 3.89 फीसद से बढ़कर 4.09 फीसद हुई है, वहीं एफआईआई की हिस्सेदारी 19.67 फीसद से कम होकर 16.53 फीसद हो गई है।

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