तीन वर्ष में करीब 3.8 लाख कंपनियों का पंजीकरण हुआ रद्द, कंपनी कानून के तहत सरकार ने उठाया कदम
निगमित मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह कहा कि ‘फर्जी’ कंपनी शब्द कंपनी अधिनियम के तहत परिभाषित नहीं है।उन्होंने कहा कि कंपनी कानून के तहत पिछले तीन वर्षों में करीब 3.8 लाख कंपनियों को सरकारी रिकॉर्ड से हटाया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कंपनी कानून के तहत पिछले तीन वर्षों में 3.8 लाख से अधिक कंपनियों को सरकारी रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। सरकार ने सोमवार को यह सूचना दी। निगमित मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि ‘फर्जी’ (शेल) कंपनी’ शब्द कंपनी अधिनियम के तहत परिभाषित नहीं है। ठाकुर ने कहा कि यह आम तौर पर ऐसी कंपनियों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है जो सक्रिय रूप से व्यवसाय संचालन किए बगैर या महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के बिना ही अस्तित्व में हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में इस तरह की कंपनी का इस्तेमाल कर चोरी, धनशोधन, अस्पष्ट स्वामित्व, बेनामी संपत्ति आदि जैसे अवैध उद्देश्य के लिए किया जाता है।
शेल कंपनियों के मुद्दे को देखने के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष कार्य बल ने ऐसी कंपनियों को चिह्नित करने के लिए अलर्ट के रूप में कुछ ‘रेड फ्लैग’ संकेतकों के उपयोग की सिफारिश की है। बकौल ठाकुर सरकार ने ऐसी शेल कंपनियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाया और फिर ऐसी कंपनियों को बंद करने का काम किया है।
ठाकुर ने कहा कि लगातार दो या उससे अधिक साल तक फाइनेंशियल स्टेटमेंट फाइल नहीं करने वाली कंपनियों को चिह्नित किया गया और तय प्रक्रिया के पालन के जरिए पिछले तीन साल में 3,82,581 कंपनियों के नाम को सरकारी रिकॉर्ड से हटा दिया गया।
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