महंगा प्याज बना रहस्य, सीसीआइ सुलझाएगी पहेली
प्याज पैदावार में मामूली कमी के बावजूद कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के पीछे क्या रहस्य है। यह कहीं कारोबारियों की जमाखोरी या उनके गठजोड़ का नतीजा तो नहीं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) इसी अनबुझ पहेली को सुलझाने के लिए राज्यों का दौरा करेगा और यह समझने की कोशिश करेगा कि आखिर माजरा क्या है।
नई दिल्ली। प्याज पैदावार में मामूली कमी के बावजूद कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के पीछे क्या रहस्य है। यह कहीं कारोबारियों की जमाखोरी या उनके गठजोड़ का नतीजा तो नहीं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) इसी अनबुझ पहेली को सुलझाने के लिए राज्यों का दौरा करेगा और यह समझने की कोशिश करेगा कि आखिर माजरा क्या है।
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सीसीआइ कई महीनों से प्याज बाजार पर नजर रखे हुए। वह इस बात के ठोस सुबूत जुटाने में लगा है कि कीमतों में तेजी के पीछे व्यापारियों की आपसी साठगांठ तो नहीं है। इसी सिलसिले में आयोग के अधिकारी राज्यों का दौरा करेंगे और वहां के जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे। इसके तहत अधिकारी प्याज उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों का दौरा करेंगे।
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सूत्रों का कहना है कि आयोग ठोस सुबूत मिलने के बाद ही संभावित कार्टेलाइजेशन के मामले की जांच करेगा। पिछले महीने आयोग के चेयरमैन अशोक चावला ने कहा था कि सीसीआइ पता लगा रहा है कि इस मामले में प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। साथ ही यह भी देख रहा है कि इसकी जांच की जरूरत है या नहीं।
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सूत्रों के मुताबिक इससे पहले सीसीआइ ने राज्यों को पत्र लिखकर कीमतें बढ़ने की वजहों की जानकारी मांगी थी। पिछले कुछ दिनों में देश के कई शहरों में प्याज के दाम सौ रुपये किलो तक पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि प्याज व्यापारी जमाखोरी और साठगांठ से कीमतों को हवा दे रहे हैं।