सेंसेक्स गिरने की वजह ग्लोबल: निफ्टी के लिए 10150 अहम सपोर्ट, पढ़िए निवेशकों के लिए एक्सपर्ट की राय
बजट 2018 के बाद से शेयर बाजार में गिरावट जारी है। इस गिरावट का मुख्य कारण ग्लोबल मार्केट है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद से अब तक भारतीय शेयर बाजार में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला है जहां सेंसेक्स 1300 अंक तक लुढ़क कर गया। वहीं, बीते तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। इस गिरावट के पीछे का मुख्य कारण अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से शिफ्ट होकर ग्लोबल मार्केट हो गई है।
ऐसे में जानिए निवेशकों के लिए एक्सपर्ट की क्या है राय
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी बिकवाली
सोमवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर में 2011 के बाद साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 1175 अंक की कमजोरी के साथ 24345 के स्तर पर, एसएंडपी500 113 अंक की कमजोरी के साथ 2648 के स्तर पर और नैस्डैक 56 अंक की कमजोरी के साथ 6967 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं वैश्विक बाजार में भारी गिरावट के चलते तमाम एशियाई बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 5.37 फीसद की कमजोरी के साथ 21464 के स्तर पर, चीन का शांघाई 2.15 फीसद की कमजोरी के साथ 3412 के स्तर पर, हैंगसैंग 4.72 फीसद की कमजोरी के साथ 30715 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 3.13 फीसद की कमजोरी के साथ 2413 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बाजार में गिरावट की बड़ी वजह
कैपिटल सिंडिकेट के मैनेजिंग पार्टनर सुब्रमण्यम पशुपति के मुताबिक बजट के बाद बाजार में शुरू हुई बिकवाली का एकमात्र कारण लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं है। रिकॉर्ड स्तर से बाजार में एक मुनाफावसूली काफी लंबे समय से अपेक्षित थी। इसके अलावा ग्लोबल इक्विटी मार्केट में आई बिकवाली से यह गिरावट और गहरा गई।
पशुपति के मुताबिक बाजार में मौजूदा स्तर से फिलहाल किसी बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है, एक दो दिन में बाजार सेटल हो जाने के बाद हम बाजार में निचले स्तर से फिर खरीदारी देखेंगे। हालांकि अब बाजार में किसी बड़ी तेजी की संभावना नहीं दिख रही। निफ्टी सेंसेक्स एक बड़े दायरे में ट्रेड करते नजर आएंगे।
बाजार में नहीं बड़ी गिरावट का खतरा
स्टॉक एक्सेस के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट ब्रजेश सिंह के मुताबिक निफ्टी के लिहाज से 10500 का स्तर बेहद अहम है। अगर बाजार यह स्तर को होल्ड करता है तो निश्चित तौर निफ्टी में 10800 और इसके ऊपर 10930 के स्तर दिख सकते हैं। वहीं अगर 10500 का स्तर बाजार तोड़ता है तो नीचे की तरफ 10350 और 10150 तक जा सकता है। ब्रजेश ने कहा यह ध्यान देना होगा कि अगर निफ्टी 10150 का स्तर किसी भी स्थिति में तोड़ता है तो लॉन्ग टर्म बुल रैली की संरचना बिगड़ सकती है।
क्या करें निवेशक
पशुपति का मानना है कि बाजार की गिरावट में निवेशक स्टील, सीमेंट और चुनिंदा मिडकैप कंपनियों में लंबी अवधि के निवेश से खरीदारी के सौदे बनाए जा सकते है। स्टील कंपनियों में मौजूदा स्तर से एक टर्न अराउंड देखने को मिल सकता है। इसके अलावा टेक कंपनियों को गिरावट आने पर खरीदा जा सकता है।
ब्रजेश सिंह का मानना है कि मौजूदा बाजार में निवेशकों को डिफेंसिफ सेक्टर्स के शेयरों में खरीदारी करनी चाहिए। उनके मुताबिक बाजार में निकट भविष्य में कोई बड़ा ट्रिगर नहीं है। अगली तिमाही के नतीजे और मानसून ही अगले बड़े ट्रिगर होंगे।
राजस्व सचिव ने कहा शेयर बाजार की गिरावट का कारण LTCG नहीं
शेयर बाजार में जारी गिरावट को लेकर राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने बयान में कहा है कि बाजार में गिरावट का मुख्य कारण प्रस्तावित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट के चलते दबाव देखने को मिला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब विदेशी बाजारों में कमजोरी के कारण भारतीय बाजार में बिकवाली चल रही है। बीते सप्ताह MSCI-All Countries Index में तीन फीसद से चार फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।