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Year Ender 2020: रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संकट भरा रहा यह वर्ष, 2021 में मांग में वृद्धि की उम्मीद

कोरोना से पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था में मंदी देखी गई वहीँ भारत में पिछले दो महीने से आवास और कार्यालय की जगह की मांग में गिरावट देखी गई है इसे देखते हुए डेवलपर्स ने संभावित खरीदारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल टूल अपनाने पर जोर दिया है।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 03:04 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:22 PM (IST)
Year Ender 2020: रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संकट भरा रहा यह वर्ष, 2021 में मांग में वृद्धि की उम्मीद
Realty sector sinks deeper into crisis this year builders look to 2021 with hopes of demand revival

नई दिल्ली, पीटीआइ। रियल एस्टेट उद्योग 2016 के नोटबंदी के बाद से एक बार फिर उबरने की कोशिश में है।2016 के बाद 2020 में कोरोना महामारी ने इस उद्योग को एक बार फिर बहुत पीछे धकेल दिया है। अर्थव्यवस्था पर महामारी की चोट से उबरने के लिए उद्योग एक बार फिर उम्मीद कर रहे हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि 2021 उनके लिए उम्मीदों भरा साल होगा और वे नए वर्ष में तेजी से कारोबार कर पाएंगे। 

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नए साल में डेवलपर्स को उम्मीद है कि उनकी द्वारा दी जाने वाली स्थिर संपत्ति की कीमतें, कम होम लोन की ब्याज दरें, छूट और कुछ राज्यों द्वारा दी जाने वाली स्टैंप ड्यूटी की दरें 2021 में रियल एस्टेट सेक्टर को आगे बढ़ने में मदद करेंगी।

कोरोना से पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था में मंदी देखी गई, वहीँ भारत में पिछले दो महीने से आवास और कार्यालय की जगह की मांग में गिरावट देखी गई है, इसे देखते हुए डेवलपर्स ने संभावित खरीदारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल टूल अपनाने पर जोर दिया है। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) एवं उद्योग संगठन एसोचैम के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि डब्ल्यूएफएच के इस नए दौर में इस वर्ष नवंबर में मकानों की बिक्री पिछले वर्ष इसी अवधि के मुकाबले 57 फीसद बढ़ी।  

उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी उस समय हुई है जब सर्विस सेक्टर जैसे कि होटल, टूरिज्म की स्थिति अच्छी नहीं है। हीरानंदानी को दिसंबर में भी बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन उनका कहना है कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान बिक्री पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम रहेगी।

उधर, देश के सात बड़े शहरों में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान रिहायशी संपत्ति की बिक्री में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 51 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली जेएलएल इंडिया ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में तेजी से संपत्ति की बिक्री बढ़ी। हालांकि महामारी के प्रभाव के कारण 2020 में इसमें 48 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। आंकड़े के अनुसार मकानों की बिक्री दिसंबर तिमाही के दौरान बढ़कर 21,832 इकाई रह सकती है जो इससे पूर्व तिमाही जुलाई-सितंबर में 14,415 इकाई थी। 

जेएलएल इंडिया के आंकड़े के अनुसार सभी सातों शहरों में मांग मे नरमी से 2020 में आवास बिक्री 48 प्रतिशत घटकर 74,451 इकाइयां रहने का अनुमान है जो पिछले साल 1,43,923 इकाइयां थी। बेंगलुरू में बिक्री 2020 में घटकर 10,440 इकाई रही जो पिछले 26,453 इकाई थी। चेन्नई में मकानों की बिक्री इस साल 6,983 इकाई रही जो पिछले साल 13,967 इकाई थी। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मांग घटकर 15,743 इकाई रही जो एक साल पहले 29,010 इकाई थी। हैदराबाद में इस साल बिक्री घटकर 9,926 इकाई रही जो 2019 में 16,025 इकाई थी। 

महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी में कटौती ने बिल्डरों और खरीदारों को एक बड़ी राहत दी है और मुंबई और पुणे में मांग को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रियल एस्टेट सेक्टर पिछले कुछ सालों से लगातार सुर्खियों में है। CREDAI  के अध्यक्ष सतीश मगर ने कहा कि स्थिति COVID-19 के कारण कठिन हो गई है, नौकरियों और आजीविका की अनिश्चितता ने इसके संभावित खरीदार-आधार को लगभग शून्य मांग पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बिक्री में सुधार हुआ है, लेकिन अधिकांश शहरों में प्री-COVID के स्तर पर नहीं पहुंचा है।


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