प्रॉपर्टी मार्केट में नोटबंदी के बाद ग्राहकों का टोटा, 'वाइट मनी' वाले का इंतजार
केंद्र सरकार की ओर से बीते 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का बड़ा असर प्रॉपर्टी सेक्टर पर पड़ा है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से बीते 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का बड़ा असर प्रॉपर्टी सेक्टर पर पड़ा है। नोटबंदी के बाद से ही प्रॉपर्टी मार्केट में ग्राहकों का टोटा हैं। दरअसल प्रॉपर्टी मार्केट आमतौर पर कालेधन वालों के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता है लेकिन बीते तीन महीनों में इस सेक्टर के ग्राहकों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में अब इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों को वाइट मनी वाले निवेशकों का ही इंतजार है।
चेन्नै, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और मुंबई से लेकर एनसीआर तक के तमाम डिवेलपर्स के मुताबिक नोटबंदी के फैसले के बाद बाजार पर व्यापक असर पड़ा है। हालांकि डिवेलपर्स को लंबी अवधि में फायदे की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर कई डिवेलपर्स और प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स का मानना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि काला धन पूरी तरह से खत्म हो गया है।
प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन में दिखी गिरावट:
प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक, 'नोटबंदी के बाद से अब तक डिवेलपर्स को 22,600 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसके अलावा राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी के तौर पर 1,200 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।'
प्रॉपर्टी मार्केट में निवेश करने वाले लोग फिलहाल पैसा निकालने से बच रहे हैं क्योंकि ऐसे लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में ब्याज दरें कम होंगी और आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी मार्केट में कीमतें और गिरेंगी।