रियल एस्टेट सेक्टर में वेतन कटौती, छंटनी की आशंका; सरकार से बड़े राहत पैकेज की आस
NAREDCO के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने कहा है कि लॉकडाउन से निश्चित रूप से बिक्री पर असर पड़ेगा और इससे कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देशभर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में वेतन में कटौती, नौकरियों में छंटनी की आशंका पैदा हो गई है। ऐसा इसलिए कि पहले से नकदी संकट से जूझ रहे बिल्डर ऐसे समय में तय लागत में कमी की संभावनाएं तलाश रहे हैं, जब उनकी बिक्री से होने वाली आमदनी लगभग रूक गई है। हालांकि, प्रोपर्टी डेवलपर्स एवं कंसलटेंट का मानना है कि इस अगर सरकार रियल एस्टेट सेक्टर और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए बड़े राहत पैकेज का एलान करती है तो नुकसान को कम किया जा सकता है।
CREDAI (नेशनल) चेयरमैन जे शाह ने कहा कि कृषि सेक्टर के बाद रियल एस्टेट रोजगार के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। निर्माण एवं संबंधित क्षेत्र से जुड़े श्रमिक रियलिटी सेक्टर के बहुत अहम हिस्सा हैं। नौकरियों में छंटनी एवं वेतन में कमी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अभी मुख्य प्राथमिकता श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
NAREDCO के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने कहा है कि निश्चित रूप से बिक्री पर असर पड़ेगा और इससे कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा। कंपनियों में वेतन कटौती हो सकती है। नौकरियों में छंटनी दूसरा विकल्प हो सकता है।
उन्होंने कहा कि डेवलपर्स को इससे बड़ा झटका लगेगा और इस वजह से कर्ज के भुगतान में चूक देखने को मिल सकती है। हीरानंदानी ने कहा, ''अगर बकाया राशि के भुगतान में चूक होती है और रकम बढ़ती रहती है तो कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं। इससे नौकरियों पर सीधा असर पड़ेगा। ''
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले रियल एस्टेट सेक्टर में नौकरियों में छंटनी का अनुपात 15 फीसद के आसपास था, जो बढ़कर 25 फीसद तक पहुंच सकता है।