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रियल एस्टेट सेक्टर को बदलना होगा बिजनेस का तरीका, बीता समय लौटकर नहीं आएगाः SBI

लोन अदायगी की अवधि तीन महीने से आगे बढ़ाए जाने के बारे में कुमार का कहना था कि इस बारे में आरबीआइ को फैसला लेना है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 06:16 PM (IST)
रियल एस्टेट सेक्टर को बदलना होगा बिजनेस का तरीका, बीता समय लौटकर नहीं आएगाः SBI
रियल एस्टेट सेक्टर को बदलना होगा बिजनेस का तरीका, बीता समय लौटकर नहीं आएगाः SBI

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रियल एस्टेट सेक्टर से कहा है कि वह ऐसे घरों की बिक्री जल्द-से-जल्द सुनिश्चित करे, जो नहीं बिके हैं। साथ ही अपने अकाउंट्स का स्तर गिरने नहीं दे। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने रियल एस्टेट सेक्टर की संस्था नारेडको के साथ वर्चुअल यानी ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि सेक्टर को कारोबार के बारे में सोच बदलनी होगी। रजनीश कुमार ने कहा, ‘इनवेंट्री जल्द से जल्द समाप्त की जानी चाहिए। हमें लगता था कि दाम बढ़ेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ है। एक वक्त ऐसा भी था जब बाजार में पहला घर खरीदने वालों और निवेशकों का तांता लगा रहता था और आप सिर्फ पांच वषों में अपनी लागत के मुकाबले दोगुनी कमाई कर सकते थे। लेकिन अब वे दिन लौटकर आने वाले नहीं हैं।’

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इसके साथ ही उन्होंने रियल एस्टेट कंपनियों को यह सलाह भी दी कि उद्योग को खर्च घटाने और जल्द से जल्द से लाभ में आने की कोशिश करनी चाहिए। कुमार का कहना था कि रियल एस्टेट सेक्टर को इस बारे में सोचना होगा कि निर्माण लागत कैसे घटाई जाए और निर्माण के कच्चे माल की लागत को कैसे नियंत्रण में रखा जाए। हमें राज्य और स्थानीय सरकारी निकायों को यह बात समझानी होगी कि अब यह सेक्टर वह दुधारू गाय नहीं है जिसे कोई अनंत काल तक दुहता रहे। अब हमें निर्माण लागत में कमी लानी ही होगी। एसबीआइ चेयरमैन का कहना था कि सबका लक्ष्य हाउसिंग सेक्टर को सबके लिए अफोर्डेबल बनाने, बिल्डिंग निर्माण में लगने वाला समय घटाने और उन्हें जल्द से जल्द बेचने पर होना चाहिए। दाम बढ़ने के इंतजार में अब अनबिके घरों को रोककर रखने का कोई फायदा नहीं है।

जहां तक रियल एस्टेट सेक्टर के बारे में लोगों की सोच का सवाल है, तो एसबीआइ प्रमुख का कहना था कि रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) आने के बाद कुछ चीजों में सुधर हुआ है। लेकिन कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले में सेक्टर को अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। कुमार ने कहा, ‘यह मैं नहीं कह रहा। लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर यह सोच बेहद आम है कि इसमें जमकर मुनाफाखोरी होती है और बहुत से ढंके-छुपे लेनदेन होते हैं। लोग यह भी मानते हैं कि इसमें कोई भी सौदा पूरी तरह खरा नहीं होता है। मैं नहीं जानता कि यह सब सच है या सिर्फ लोगों की ऐसी सोच है। लेकिन उद्योग को अपने बारे में इस तरह की सोच को खत्म करने की जिम्मेदारी उठानी ही होगी।’

लोन अदायगी की अवधि तीन महीने से आगे बढ़ाए जाने के बारे में कुमार का कहना था कि इस बारे में आरबीआइ को फैसला लेना है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो इंडियन बैंक्स एसोसिएशन आइबीए के माध्यम से वह आरबीआइ से आग्रह करेंगे कि इसे छह महीने तक बढ़ाया जाए। इकोनॉमी में रियल एस्टेट सेक्टर की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह जीडीपी में 15 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखता है और लाखों लोगों को रोजगार देता है।


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