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ATM सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी करेगा RBI, धोखाधड़ी की वारदातों पर लगेगी लगाम

RBI Monetary Policy आरबीआइ ने साल की छठी द्विमासिक समीक्षा बैठक के दौरान कहा है कि वह एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी करेगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 01:16 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 01:44 PM (IST)
ATM सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी करेगा RBI, धोखाधड़ी की वारदातों पर लगेगी लगाम
ATM सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी करेगा RBI, धोखाधड़ी की वारदातों पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बैंकिंग गतिविधियों में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के चलते रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज गुरुवार को कहा है कि एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। आरबीआइ ने साल की छठी द्विमासिक समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही है। आरबीआइ ने एटीएम सेवाओं से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने की बात कही है।

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मौद्रिक समीक्षा समिति (MPC) ने कहा, 'कई वाणिज्यिक बैंक, शहरी को-ओपरेटिव बैंक और दूसरे कई निकाय एटीएम स्विच एप्लीकेशंस से जुड़ी सुविधाओं के लिए थर्ड पार्टी एप्लीकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स पर निर्भर होते हैं। इन सर्विस प्रोवाइडर्स के पास पेमेंट सिस्टम परिदृश्य की जानकारी होती है, इससे साइबर हमलों की आशंका बढ़ जाती है। अब यह निर्णय लिया गया है कि कुछ आधारभूत साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल्स विनियमित संस्थाओं द्वारा सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ उनके अनुबंध में अनिवार्य किये जाएं।'

इस गाइडलाइन में कई नए सुधारों की आवश्यकता होगी। जिसमें इकोसिस्टम के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में बदलाव सहित डिप्लॉयमेंट की प्रोसेस को मजबूती देने से जुड़े कई बड़े सुधार शामिल हैं। साथ ही लगातार निगरानी की आवश्यकता है। इसके अलावा स्टोरेज, प्रोसेसिंग और संवेदनशील डेटा के ट्रांसमिशन पर कंट्रोल जरूरी है। वहीं, फोरेंसिक जांच के लिए क्षमताओं को बढ़ाने और घटना प्रतिक्रिया तंत्र को अधिक मजबूत करने की जरूरत है।

आरबीआइ ने प्रिपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) को भी पेश किया है, जिससे केवल 10,000 रुपये तक की सर्विसेज और सामान खरीदा जा सकता है।

गौरतलब है कि आरबीआई ने आज अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। इससे रेपो रेट अपने पुराने स्तर 5.15 फीसद पर ही बनी हुई है। साथ ही रिज़र्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है। बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसद कर दिया है। इससे पहले अक्टूबर में आरबीआई ने यह अनुमान 6.1 फीसद बताया था। 


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