रिजर्व बैंक के इस आदेश के बाद अब आसानी से खुलेंगे बैंक अकाउंट
बैंक में खाता खुलवाने की खातिर अब लोगों को एड्रेस प्रूफ [पते का प्रमाण] जुटाने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। रोजगार की तलाश में गांव या शहर से किसी दूसरे शहर जाने वालों के बैंक अकाउंट भी आसानी से खुल जाएंगे।
मुंबई। बैंक में खाता खुलवाने की खातिर अब लोगों को एड्रेस प्रूफ [पते का प्रमाण] जुटाने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। रोजगार की तलाश में गांव या शहर से किसी दूसरे शहर जाने वालों के बैंक अकाउंट भी आसानी से खुल जाएंगे।
रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने सोमवार को बैंकों को जारी दिशानिर्देश में कहा है कि खाता खुलवाने के लिए कहीं का भी एड्रेस प्रूफ लगाया जा सकेगा। बैंकों की ओर से केवाईसी [अपने ग्राहकों को जानें] के नाम पर ग्राहकों को परेशान करने की शिकायतों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है।
आरबीआइ के इस कदम से उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो दूसरे शहरों में नौकरी करने जाते हैं या फिर फिर उनके ट्रांसफर होते रहते हैं। ऐसे लोगों की तरफ से लगातार केंद्रीय बैंक को शिकायत मिल रही थी। उनकी परेशानी को देखते हुए आरबीआइ ने बैंकों को निर्देश देते हुए कहा कि खाता खोलने या उसे अपडेट कराने के लिए अलग-अलग एड्रेस प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी। नए पते का प्रमाणपत्र ब्रांच में छह महीने के अंदर जमा कराया जा सकेगा। अगर ग्राहक स्थानीय एड्रेस प्रूफ नहीं दे पाए, तो बैंक उससे पते का हलफनामा ले सकता है। ऐसे पते के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। इस पते पर बैंक के पत्र, चेक बुक, एटीएम कार्ड भेजकर या फोन कर पहचान की जा सकती है। अगर ग्राहक के पत्राचार के पते में कोई बदलाव होता है, तो उसे दो हफ्ते के भीतर नए एड्रेस की सूचना देनी होगी। आरबीआइ ने कहा है कि सभी बैंक अपनी केवाईसी नीति में नए दिशानिर्देशों के मुताबिक बदलाव सुनिश्चित करें।