आरबीआई ने किया डिजिटल पेमेंट कमेटी का गठन, नंदन नीलेकणी होंगे मुखिया
आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पांच सदस्यों वाली इस कमेटी का गठन डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया गया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी की देखरेख में एक कमेटी का गठन किया है जो कि देश में डिजिटल भुगतान की सुरक्षा और इसकी सुरक्षा को और मजबूत करने से जुड़े उपाय सुझाएगी। गौरतलब है कि नंदन नीलेकणी ने ही देश में हर व्यक्ति को आधार उपलब्ध करवाने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था।
केंद्रीय बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पांच सदस्यों वाली इस कमेटी का गठन डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और डिजिटाइजेशन के जरिए वित्तीय समावेषण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इसमें आगे कहा गया कि कमेटी को अपनी पहली बैठक के बाद अगले 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इस पैनल को देश में भुगतान के डिजिटलीकरण की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने, इकोसिस्टम में मौजूदा गैप का पता लाने एवं उनको पाटने का सुझाव देने का काम सौंपा गया है और साथ ही इसे वित्तीय समावेशन में डिजिटल भुगतान के वर्तमान स्तरों का आकलन करने का भी जिम्मा दिया गया है।
वहीं कमेटी को डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदमों के बारे में भी जानकारी देनी है ताकि डिजिटल माध्यमों से वित्तीय सेवाओं को हासिल करने में ग्राहकों का विश्वास बढ़ सके। साथ ही इस कमेटी को दूसरे देशों में मौजूद व्यवस्थाओं का आकलन भी करना है।
कौन कौन है कमेटी का सदस्य?
जानकारी के लिए बता दें कि इस कमेटी में नंदन नीलेकणी के अलावा अन्य सदस्यों में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एच आर खान, विजया बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ किशोर सनसी और आईटी व स्टील मंत्रालय में पूर्व सचिव अरुणा शर्मा और आईआईएम अहदाबाद में चीफ इनोवेशन ऑफिसर संजय जैन शामिल हैं।