आरबीआई ने कहा, नहीं बता सकते नोटबंदी के कितने पहले शुरू हुई तैयारी
आरबीआई का कहना है कि नोटबंदी के फैसले से पहले 2000 और 500 रुपए के नए नोटों की छपाई का काम किस स्तर पर शुरू किया गया था उसका खुलासा नहीं किया जा सकता
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से बीते 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले से पहले 2000 और 500 रुपए के नए नोटों की छपाई का काम किस स्तर पर शुरू किया जा चुका था उसका खुलासा नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे देश और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक सहायक कंपनी जो कि मुद्रण के लिए जिम्मेदार होती है के हित प्रभावित हो सकते थे।
आरबीआई की सहायक कंपनी की ओर से यह प्रतिक्रिया आरबीआई को भेजी गई उस आरटीआई के जवाब के रूप में सामने आया है, जिसमें पूछा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नोटबंदी की अचानक घोषणा से उत्पन्न संकट को संभालने के लिए आरबीआई की तैयारियों के बारे में बताया जाए। नोटबंदी के फैसले के बाद 9 नवंबर से ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बैन कर दिए गए थे।
केंद्रीय बैंक ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल को भारतीय रिजर्व बैंक नोट (पी) लिमिटेड, बैंगलुरु के पास भेज दिया था, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक और पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। आरटीआई के जरिए यह सवाल पूछा गया, “नोटबंदी (500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बैन किए जाने) की घोषणा से पहले 2000 और 500 रुपए के नए नोटों की कितनी संख्या छापी जा चुकी थी।”
गौरतलब है कि इस सहायक कंपनी को 21 साल पहले एक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना का मकसद भारतीय रिजर्व बैंक की मुद्रा मुद्रण क्षमता को बढ़ाना था।