RBI ने महंगाई से निपटने का प्लान किया तैयार, कहा- रिकवर हो रही अर्थव्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई से निपटने का प्लान तैयार किया है। आरबीआई ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी के पथ पर आगे बढ़ रही है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार उच्च दर महंगाई से बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली, पीटीआई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवर होने की राह पर है। हालांकि, उच्च दर महंगाई और भू-राजनीतिक जोखिमों से सावधानीपूर्वक निपटने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है। आरबीआई की 25वीं फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (Financial Stability Report) में यह भी कहा गया है कि बैंकों के साथ-साथ नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास झटके झेलने के लिए पर्याप्त कैपिटल बफर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल स्तर पर कई तरह की चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। आरबीआई ने कहा कि उच्च दर महंगाई के दबाव, एक्सटर्नल स्पिलओवर और भू-राजनीतिक जोखिमों के मद्देनजर कई चीजों पर निगरान रखने होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन और रूस युद्ध, लगातार उच्च महंगाई दर और कोरोना वायरस महामारी की कई लहरों के बाद भी केंद्रीय बैंकों द्वारा फ्रंट-लोडेड मौद्रिक नीति सामान्य ही रखी गई है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण काफी अनिश्चितता से घिरा हुआ है।
बैंकिंग क्षेत्र के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि शेड्यूल कमर्शियल बैंकों (Scheduled Commercial Banks) के सीआरएआर (Capital to Risk (Weighted) Assets Ratio) की पूंजी 16.7 प्रतिशत की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है, जबकि उनकी ग्रास नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (gross non-performing assets) अनुपात छह साल के निचले स्तर पर है। क्रेडिट जोखिम के लिए मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट (Macro Stress Tests) से पता चलता है कि एससीबी (Scheduled Commercial Banks) गंभीर तनाव परिदृश्यों में भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम होंगे।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि दिसंबर 2022 तक महंगाई केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्य छह प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी। हालांकि, उसके बाद इसके छह प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है। एक साक्षात्कार में दास ने कहा था कि महंगाई निश्चित रूप से अधिकांश देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती महंगाई का सामना कर रही हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसने दुनियाभर में सरकारों और केंद्रीय बैंकों को चिंता में डाल रखा है।