RBI Report: बैंक फ्रॉड में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, अप्रैल-सितंबर के बीच ही सामने आई इतने की धोखाधड़ी
Bank Fraud RBI एनबीएफसी एवं को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा सूचित फ्रॉड के मामलों को भी सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री डेटाबेस में शामिल करने के लिए कदम उठा रहा है।
मुंबई, पीटीआइ। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रिकॉर्ड 1.13 लाख करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले प्रकाश में आए हैं। RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों की ओर से धोखाधड़ी का पता लगाने में हुई देरी के कारण फ्रॉड के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग फ्रॉड के 4,412 मामले एक लाख रुपये से अधिक के हैं। पिछले वित्त वर्ष में बैंकों ने 71,543 करोड़ रुपये के 6,801 मामलों की सूचना दी थी। RBI's Financial Stability Report में कहा गया है, ''वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में धोखाधड़ी के मामलों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि फ्रॉड के समय और उसका पता लगने के बीच समय का खासा अंतर है।''
50 करोड़ रुपये से अधिक के 398 मामले
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में प्रकाश में आए धोखाधड़ी में से वैल्यू के लिहाज से 97.3 फीसद फ्रॉड पिछले वित्त वर्षों में हुए थे। वहीं, इस अवधि में 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि के 398 मामले रिकॉर्ड किए गए। इसकी कुल वैल्यू 1.05 लाख करोड़ रुपये है। बैंकों ने 1,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड के 21 मामलों की सूचना दी है। इन 21 मामलों में कुल 44,951 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में कुल फ्रॉड में 90 फीसद एवं चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 97 फीसद मामले लोन से जुड़े हैं।
फ्रॉड के मामलों में इंटरलॉकिंग की है तैयारी
भारतीय रिजर्व बैंक एनबीएफसी एवं को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा सूचित फ्रॉड के मामलों को भी सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री डेटाबेस में शामिल करने के लिए कदम उठा रहा है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक इस इंटरलिंकिंग से फ्रॉड का पता लगाने एवं मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। उसने कहा है कि सरकार का जोर बेहतर प्रशासन पर है।