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कोरम पूरा न होने के चलते RBI ने टाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक, तीन सदस्यों का पूरा हो चुका है कार्यकाल

केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले में बहुत गंभीरता के साथ विचार किया गया है और निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहद उन्नत स्तर पर है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा वह विभिन्न उद्योगों व्यापार संघों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करेगी।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:13 AM (IST)
कोरम पूरा न होने के चलते RBI ने टाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक, तीन सदस्यों का पूरा हो चुका है कार्यकाल
RBI postpones rate setting committee meeting scheduled

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोमवार को कहा कि 29, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर, 2020 के दौरान होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक को आगे के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, बैंक ने नई तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन ये जरूर कहा कि द्वैमासिक एमपीसी की बैठक की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। केंद्रीय बैंक ने एमपीसी का कोरम पूरा न होने की स्थिति उत्पन्न होने के चलते बैठक को टाला है।

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आरबीआई ने स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के चलते कोरम पूरा न हो पाने के चलते इस बैठक को टाला है। एमपीसी मुख्य रूप से प्रमुख ब्याज दरें तय करने का काम करती है। इन ब्याज दरों को तय करने दायित्व आरबीआई गवर्नर से लेकर छह सदस्यीय एमपीसी का होता है। आरबीआई गवर्नर इस समिति की अगुआई करते हैं। इस समिति में आधे सदस्य बाहरी होते हैं।

गौरतलब है कि समिति के तीन बाहरी सदस्यों का चार वर्षीय कार्यकाल पिछले महीने खत्म हो गया था और सरकार द्वारा नई नियुक्ति की जानी है। एमपीसी की बैठक में न्यूनतम चार सदस्यों और गवर्नर या समिति में शामिल डिप्टी गवर्नर का होना आवश्यक होता है।  

केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कर्ज की किस्त टालने की अवधि के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने पर 2-3 दिन में फैसला होने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने टाली गई किस्तों पर ब्याज लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र से निर्णय को रिकॉर्ड में लाने और संबंधित पक्षकारों को हलफनामा देने को कहा। 

केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले में बहुत गंभीरता के साथ विचार किया गया है और निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहद उन्नत स्तर पर है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह विभिन्न उद्योगों, व्यापार संघों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पांच अक्टूबर को करेगी। 

पीठ ने कहा, 'हम सोमवार (पांच अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेंगे। आपकी जो भी नीति है, जो भी आप चाहते हैं, उसे बताइए। हम इस मामले को सोमवार को सुनेंगे। हम आगे कोई स्थगन नहीं चाहते हैं।' मेहता ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार सक्रियता के साथ विचार कर रही है और इस पर दो-तीन दिनों के भीतर फैसला होने की संभावना है।


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