गोल्ड लोन को लेकर RBI ने सख्त किए नियम, केवल इतनी ज्वेलरी पर ही मिलेगा कर्ज; धोखाधड़ी पर भी लगेगी लगाम
लोन के लिए अगर गिरवी रखे गए सोने की चोरी हो जाती है तो वित्तीय संस्था ग्राहकों को इसकी सूचना भी देगी और यह भी बताएगी की चोरी हो गए सोने की वह कैसे भरपाई करेगी। अगर लोन चुकता करने की तारीख के बाद दो साल तक बैंक या वित्तीय संस्था के पास सोना रखा रह जाता है. तो सोने के बिना दावेदार का मान लिया जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआई गोल्ड लोन के नियम को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश लाने जा रहा है। इस संबंध में बुधवार को आरबीआई की तरफ से मसौदा जारी किया गया। मसौदे के मुताबिक एक ग्राहक पर अब अधिकतम एक किलोग्राम ज्वैलरी के बदले ही लोन ले सकेगा।
सोना और चांदी दोनों के लिए यह नियम लागू होगा। सोने के सिक्के के बदले अगर लोन ले रहे हैं तो सिक्का कम से कम 22 कैरेट का और बैंक से खरीदा गया होना चाहिए। अन्य जगहों से खरीदे गए सोने के सिक्के पर गोल्ड लोन नहीं दिया जा सकेगा।
सात दिन के अंदर वापस करना होगा सोना
एक ग्राहक अधिकतम 50 ग्राम सोने के सिक्के के बदले ही लोन ले सकेगा। चांदी के मामले में प्रति ग्राहक 500 ग्राम की सीमा तय की गई है। लोन का पूरा भुगतान करने के अधिकतम सात दिनों के भीतर गिरवी रखे गए सोने को वापस करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर वित्तीय संस्था ग्राहक को प्रतिदिन 5000 रुपए के हिसाब से जुर्माना देगी।
मसौदे में ग्राहकों के पक्ष में कई निर्देश शामिल किए गए हैं ताकि लोन देने वाली वित्तीय संस्था ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी नहीं कर सके। लोन लेने वाले ग्राहकों को उनकी भाषा में उन्हें लोन के बारे में लिखित जानकारी देनी होगी। अनपढ़ ग्राहक को उनकी भाषा में लोन के बारे में सबकुछ समझाना अनिवार्य होगा।
आरबीआई ने अपने मसौदे में गोल्ड लोन उत्पाद के गलत प्रचार पर भी रोक लगाने के लिए कहा है। गोल्ड लोन का चलन भारत में तेजी से बढ़ता जा रहा है और कई छोटे-छोटे वित्तीय संस्थान भी गोल्ड लोन का कारोबार करने लगे हैं।


कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।