Move to Jagran APP

RBI ने कंपनियों को दिया निर्देश, भुगतान से जुड़ा डाटा देश में ही रखें

आरबीआइ ने कहा है कि हाल के दिनों में भारत में पेमेंट से जुड़ी व्यवस्था का नेटवर्क काफी विस्तार हुआ है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 06 Apr 2018 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 06 Apr 2018 09:44 AM (IST)
RBI ने कंपनियों को दिया निर्देश, भुगतान से जुड़ा डाटा देश में ही रखें
RBI ने कंपनियों को दिया निर्देश, भुगतान से जुड़ा डाटा देश में ही रखें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ऐसे समय जब दुनिया में वित्तीय संस्थानों के पास ग्राहकों के डाटा की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं तब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने इस बारे में एक अहम फैसला किया है। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआइ ने देश में पेमेंट से जुड़े सभी वित्तीय संस्थानों को कहा है कि उन्हें छह महीने के भीतर अपना डाटा भारत में ही स्टोर करने की व्यवस्था करनी होगी। इसका असर यह होगा कि क्रेडिट व डेबिट कार्ड भुगतान की गारंटी देने वाली कंपनियां मास्टर कार्ड, वीजा को भी अपना डाटा भारत में स्टोर करना होगा।

loksabha election banner

इसके अलावा विदेशी बैंकों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी। ग्राहकों का डाटा सुरक्षित रखने के साथ ही इसका एक दूसरा फायदा यह होगा कि भारत की अपनी भुगतान व्यवस्था (रूपे) की लोकप्रियता भी बढ़ेगी। आरबीआइ ने कहा है कि हाल के दिनों में भारत में पेमेंट से जुड़ी व्यवस्था का नेटवर्क काफी विस्तार हुआ है। कई तरह के प्लेटफार्म सामने आये हैं तो कई नई कंपनियां आई हैं और नए-नए भुगतान के तरीके भी सामने आ रहे हैं। यह जरूरी है कि इनमें जो डाटा जा रहा है, उसे सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए इनकी गहन निगरानी भी जरूरी है। अभी यह देखने में आया है कि बहुत कम पेमेंट कंपनियां ही अपना डाटा भारत में रखती हैं।

डिजिटल करेंसी पर विचार:

इसके साथ ही आरबीआइ ने यह भी कहा है कि वह केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल करेंसी जारी करने की भी तैयारी कर रहा है। इस पर सुझाव देने के लिए एक समूह गठित की गई है। समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को हतोत्साहित करने के लिए सख्ती कर दी है। सेंट्रल बैंक के नए फैसले के तहत अब बैंक या ई-वॉलेट के जरिये बिटकॉइन की खरीद नहीं की जा सकेगी। यह कदम क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों के बाद उठाया गया है।

भारतीय एकाउंटिंग प्रणाली के लिए एक साल

मौद्रिक नीति पेश करते हुए आरबीआइ ने घरेलू बैंकों में लागू की जाने वाली भारतीय एकाउंटिंगप्रणाली का भी जिक्र किया है। आरबीआइ ने माना है कि अधिकांश बैंकों की तैयारी काफी अधूरी है। ऐसे में उन्हें एक वर्ष का समय और दिया गया है। पिछले वर्ष भारतीय बैंकों को अप्रैल, 2018 से इसे लागू करने को कहा गया था। अब यह अप्रैल, 2019 से लागू होगा।

हाल के समय में बैंकों में कई लोन घोटाले सामने आने पर रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों की निगरानी के लिए उसकी सीमित क्षमता है। उसने कानूनी विसंगतियां दूर करने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में संशोधन करने का सुझाव दिया है।

बैंकों की निगरानी को रेगुलेशन एक्ट में संशोधन का सुझाव

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकारी और प्राइवेट बैंकों के लिए उसके अधिकारों में विसंगतियां हैं। पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद पटेल ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सरकारी बैंकों की निगरानी के लिए रिजर्व बैंक के पास कानूनी अधिकार सीमित हैं। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन ने कहा कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में संशोधन करने की जरूरत है। बैंकिंग घोटाले सामने आने के बाद रिजर्व बैंक की पहली मौद्रिक नीति आई है। इसमें बैंक ने पूरे मामले पर अपनी स्थिति साफ करने का प्रयास किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.