RBI Monetary Policy Highlights : रेपो और रिवर्स रेपो रेट नहीं बदला पर ग्रोथ का अनुमान घटाया, शक्तिकांत दास ने बताए ये कारण
RBI monetary policy जानकार मौद्रिक समीक्षा बैठक से पहले मान रहे थे कि आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति की ऊपरी सीमा रूस-यूक्रेन युद्ध से बनी वैश्विक अनिश्चितताओं और विकास को बचाने और बढ़ावे को देखते हुए रुख बदल सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ग्रोथ अनुमान घटा दिया है और महंगाई का अनुमान बढ़ा दिया है। अब यह 7.8 फीसद से घटकर 7.2 फीसद पर आ गया है। साथ ही प्रमुख ब्याज दरों को भी नहीं छेड़ा है। बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई पूरी दुनिया को मंदी का शिकार बना सकती हैं।
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हमें महंगाई पर काबू पाने पर ध्यान देना है। हमें इस समय काफी सतर्क रहना होगा लेकिन तेजी के साथ आने वाले खतरे का जवाब भी तैयार रखना होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने भी उदार रुख बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया है।
प्रमुख ब्याज दरों में नहीं कोई बदलाव
उन्होंने कहा कि ताजा हालात को देखते हुए सभी प्रमुख ब्याज दरों को नहीं बदला जा रहा है। रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर पुराने लेवल पर रहेगा। उन्होंने कहा कि रेपो रेट 4 फीसद और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर अपरिवर्तित रखा गया है। इस बीच, शेयर बाजार भी बढ़त बनाए हुए है।
युद्ध से महंगाई बढ़ी
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब दो साल बाद जब हम महामारी की स्थिति से बाहर निकल रहे थे तो वैश्विक अर्थव्यवस्था 24 फरवरी से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के साथ अजीब बदलाव देख रही है। यह मंदी की दस्तक जैसा लग रहा है। दास ने कहा कि दो महीने से चल रही लड़ाई ने ग्रोथ रोक दी है और महंगाई बढ़ा दी है।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा से पहले ज्यादातर विश्लेषक उम्मीद कर रहे थे कि आरबीआई बढ़ोतरी को समर्थन देने के लिए ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा।
महंगाई का अनुमान
दास ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर अब 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पहले कम थी। मुद्रास्फीति अब 2022-23 में 5.7 प्रतिशत पर रहेगी। यानि Q1 में 6.3 प्रतिशत, Q2 में 5 प्रतिशत, Q3 में 5.4 प्रतिशत और Q4 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। आरबीआई ने 2022-23 में खुदरा महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
बैंक रेट को बढ़ाया नहीं
इसके साथ ही MSF और बैंक रेट को बढ़ाया नहीं गया है। हालांकि ग्रोथ के अनुमान में कमी की है। दास ने कहा कि RBI ने FY23 के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को 7.8% के पहले के अनुमान से संशोधित कर 7.2% कर दिया है।