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Covid की दूसरी लहर से संभला भारत, बाजार में लौट रही है रौनक-महंगाई पर करेंगे कंट्रोल : RBI

द्विमासिक मौद्रिक नीति को लागू करते समय RBI गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि हाई फ्रिक्वेंसी संकेतकों के अनुसार खपत(प्राइवेट और सरकारी दोनों) निवेश और बाहरी मांग ये सभी एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगे हैं।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 02:50 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 02:50 PM (IST)
Covid की दूसरी लहर से संभला भारत, बाजार में लौट रही है रौनक-महंगाई पर करेंगे कंट्रोल : RBI
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा GDP ग्रोथ का अनुमान

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2021-22 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद(GDP) में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। कोविड की दूसरी लहर के बाद बाजार फिर से सामान्य स्थिति में लौटने लगा है और घरेलू आर्थिक गतिविधियां दोबारा से पटरी पर आने लगी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा GDP को लेकर शुक्रवार को यह सूचना जारी की गई। जून महीने की अपनी मौद्रिक नीति का आंकलन करते वक्त रिजर्व बैंक ने साल 2021-22 के लिए GDP के 9.5 प्रतिशत की वृद्धि का आंकलन किया था। हालांकि इससे पहले GDP में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान किया जा रहा था।

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द्विमासिक मौद्रिक नीति को लागू करते समय RBI गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि "हाई फ्रिक्वेंसी संकेतकों के अनुसार खपत(प्राइवेट और सरकारी दोनों), निवेश और बाहरी मांग ये सभी एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगे हैं और RBI के जुलाई माह के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के नतीजों से यह साफ है कि एक साल बाद बाजार के पुराने नुकसान से उबरने की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा लिस्टेड फर्म के शुरुआती नतीजों से यह साफ है कि इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी फर्म के नेतृत्व में वे अपनी बिक्री, वेतन वृद्धि और मुनाफे को बनाए रखने में सक्षम हैं। इसके अतिरिक्त कुल प्रयोग होने वाली आय को सपोर्ट भी किया जा रहा है"।

इसके अलावा गवर्नर ने कहा कि, "हालांकि अभी भी निवेश की मांग में कमजोरी देखी जा रही है, क्षमता उपयोग में सुधार, इस्पात की बढ़ती खपत, पूंजीगत वस्तुओं के अधिक आयात, अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थिति और केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेजों के कारण हम दोबारा से आर्थिक स्थियों के सुधार की उम्मीद रख सकते हैं। साल 2021-22 की तिमाही के दौरान बाहरी मांग में तेजी देखी गई है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2021-22 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है"।

दास के अनुसार वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 21.4 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में 7.3 फीसदी, तीसरे में 6.3 फीसदी और जनवरी-मार्च की अवधि में 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 1 अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 17.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साल 2021 में हुई मॉनिट्री पॉलिसी की मीटिंग की तुलना में आज हम अधिक बेहतर स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि "महामारी के दूसरी लहर के नियंत्रित होने का बाद से हम धीरे धीरे दोबारा से वापसी कर रहे हैं। वैक्सीन के निर्माण और प्रशासनिक प्रयासों में भी तेजी देखी जा रही है। फिर भी देश के कुछ हिस्सों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल हमें सभी सुरक्षा उपायों को बनाए रखना है और सतर्कता बरतनी है"।


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