रिजर्व बैंक के कदमों से अर्थव्यवस्था को उबारने में मिलेगी मदद: SBI चेयरमैन
इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों के लिये कॉरपोरेट को कर्ज देने की सीमा नेटवर्थ के मौजूदा 25 फीसद के स्तर से बढ़ाकर 30 फीसद कर दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कमी और टर्म लोन पर मोरैटोरियम तीन महीनों और बढ़ाने से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शुक्रवार को यह बात कही। RBI ने पॉलिसी रेपो रेट को 0.40 फीसद घटा दिया है। इस कटौती से अब रेपो रेट 4 फीसद पर आ गई है। EMI चुकाने वाले ग्राहकों को आरबीआई ने बड़ी राहत दी है। लोन मोरैटोरियम की अवधि 3 और महीने के लिए बढ़ाया गया है जिसके बाद ग्राहक अब 31 अगस्त तक मोरैटोरियम का लाभ उठा सकेंगे।
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इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों के लिये कॉरपोरेट को कर्ज देने की सीमा नेटवर्थ के मौजूदा 25 फीसद के स्तर से बढ़ाकर 30 फीसद कर दी है। रजनीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कहा कि सरकार और आरबीआई का पूरा प्रयास अर्थव्यवस्था को वृद्धि की पटरी पर वापस लाना है। इसके साथ ही सरकार और रिजर्व बैंक का प्रयास उन चुनौतियों की पहचान करने का भी है, जिनके कारण उद्योगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेपो दर में कमी, कर्ज की किस्तें चुकाने में राहत अवधि का विस्तार और कॉरपोरेट कर्ज की सीमा में वृद्धि ये सारे उपाय अर्थव्यवस्था को उबारने की दिशा में मददगार हैं।
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उन्होंने कहा कि ये सारे उपाय कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों के कारण सामने आयी स्थिति की उचित प्रतिक्रिया है। कुमार ने कहा, अब तक एसबीआई के 20 फीसद कर्जदारों ने कर्ज की किस्तें चुकाने में तीन महीने की मोहलत का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि कर्ज की किस्तें चुकाने से राहत की अवधि का विस्तार उद्योग के लिये मददगार होगा। इसके अलावा, इस कदम के कारण आरबीआई को पैसे डालने की तत्काल आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, 'फिलहाल, कर्ज की किस्तें चुकाने में राहत का समय बढ़ाने से नकदी के प्रवाह में व्यवधान से संबंधित स्थिति को नियंत्रण में रखा जायेगा। जब हमारे पास 31 अगस्त तक का समय होगा, ऐसे में मैं एक बार के ऋण पुनर्गठन को अधिक तवज्जो नहीं दूंगा।'