Move to Jagran APP

रिजर्व बैंक दिसंबर में फिर घटा सकता है ब्याज दर: गोल्डमैन सैश

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को रेट कटौती के बाद अब तक इस साल135 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:58 AM (IST)
रिजर्व बैंक दिसंबर में फिर घटा सकता है ब्याज दर: गोल्डमैन सैश
रिजर्व बैंक दिसंबर में फिर घटा सकता है ब्याज दर: गोल्डमैन सैश

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक बार फिर दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक दिसंबर में रेपो रेट में चौथाई फीसद (0.25) की कमी कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों ने ऐसी उम्मीद जताई है। इसके बाद कटौती का सिलसिला बंद हो सकता है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी कर इसे 5.15 फीसद कर दिया है। गोल्डमैन सैश ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की उम्मीद काफी ज्यादा है कि आरबीआई दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट को चौथाई फीसद कम करके इसे 4.90 फीसद पर लाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह अक्टूबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से रेट में अतिरिक्त कटौती के हमारे अनुमान से मेल खाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के बाद केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती के सिलसिले को थाम सकता है, क्योंकि महंगाई चार फीसद के करीब रहेगी, फिर रेट कट में और कटौती नहीं हो पाएगी। उसके बाद मौद्रिक नीति समिति यह देखेगी कि रेट कटौती का कितना असर रहा है। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी का क्या असर हुआ है। साथ ही सरकार की घोषणाएं कितनी असरदार हो पाई हैं।

बता दें कि रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को रेट कटौती के बाद अब तक इस साल में 135 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है। आईडीएफसी म्युचुअल फंड ने कहा कि वैश्विक विकास मंदी जारी है और हाल ही में कच्चे तेल की आपूर्ति में उम्मीद से अधिक तेजी देखी गई है।

देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर जून तिमाही में घटकर पांच फीसद पर रह गई थी। 2013 के बाद यह सबसे धीमी वृद्धि है। हालांकि, कई अर्थशास्त्री का मानना है कि बार बार कटौती सही नहीं है। बीते महीने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की थी, जिसमें सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती का एलान भी शामिल था। इसके अलावा, बैंकों का मर्जर, एफडीआई के नियमों को लेकर बदलाव और हाउसिंग सेक्टर को कई एलान किए गए थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.