RBI ने Repo Rate और रिवर्स रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, जरूरत पड़ने पर हो सकती है कटौती
Shaktikanta Das ने कहा कि भविष्य में COVID-19 संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए जरूरत पड़ने पर दरों में और अधिक कटौती की जा सकती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव किया गया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को 4 फीसद और रिवर्स रेपो रेट को 3.3 फीसद पर बरकरार रखा गया है। लेकिन उन्होंने कहा कि भविष्य में COVID-19 संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए जरूरत पड़ने पर दरों में और अधिक कटौती की जा सकती है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने केन्द्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि बेंचमार्क पुनर्खरीद (रेपो) दर को 4 फीसद पर अपरिवर्तित छोड़ दिया गया है।
इसलिए रिवर्स रेपो दर भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखी गई जमा राशि के लिए बैंकों के वास्ते 3.35 फीसद अर्जित करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया और विकास को समर्थन देने के लिए अपने आक्रामक रुख को जारी रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछली 22 मई को अपनी नीतिगत दर में बदलाव किया था।
RBI ने बैंकर्स और उद्योग की मांग पर कॉरपोरेट कंपनियों के लिए कर्ज पुनर्गठन की सुविधा की गुरुवार को घोषणा की। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि सात जून, 2020 को जारी प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क के आधार पर पुनर्गठन की अनुमति दी जाएगी। केंद्रीय बैंक ने कर्जदाताओं को दबाव वाली परिसंपत्तियों का पुनर्गठन करने की सुविधा दे दी। हालांकि, कर्जदाताओं को ऐसी परिसंपत्तियों को नॉन-परफॉर्मिंग घोषित किए बगैर उनका पुनर्गठन होगा और साथ ही इस तरह के कर्ज के लिए 10 फीसद का अतिरिक्त प्रावधान करना होगा।