RBI के पास ब्याज दरों के अलावा भी आर्थिक वद्धि को बढ़ाने के हैं कई अन्य उपाय: Shaktikanta Das
रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई के पास आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कमी करने के अलावा भी कई अन्य उपाय हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिज़र्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। इस फैसले से RBI की नीतिगत ब्याज दर 5.15 फीसद पर ही बरकरार है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए बढ़ाकर 6.5 फीसद कर दिया है। जीडीपी अनुमान की बात करें, तो केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर से दिसंबर के बीच देश की GDP वृद्धि दर के 6.2 फीसद रहने का अनुमान बताया है और अगले वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान 6 फीसद कर दिया गया है।
रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई के पास आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कमी करने के अलावा भी कई अन्य उपाय हैं। मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, 'आरबीआई के पास आर्थिक वृद्धि में गिरावट को रोकने के लिए कई सारे उपाय हैं।'
रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा कि आगे जरूरत पड़ने पर रेपो रेट में गिरावट की जा सकती है। रिज़र्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.4 से 5 फीसद बताया है और अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 3.2 फीसद बताया है।
मौद्रिक पॉलिसी समिति का अवलोकन किया है कि इकोनॉमी लगातार कमजोर हो रही है और आउटपुट गैप निगेटिव हुआ है। साथ ही आरबीआई ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव की भी जरूरत बताई है।