कम होंगे ऑनलाइन बैंकिंग के जोखिम
ऑनलाइन बैंकिंग में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर रिजर्व बैंक ने चिंता जताई है। इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआइ ने बैंकों को दो चरणों वाली वेरिफिकेशन प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी है। आरबीआइ ने कहा है कि सभी बैंकों की ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं पासवर्ड आधारित वेरिफिकेशन प्रक्रिया के साथ 'पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर' [पीकेआइ] आधारित वेरिफिकेशन से भी लैस होनी चाहिए।
मुंबई। ऑनलाइन बैंकिंग में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर रिजर्व बैंक ने चिंता जताई है। इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआइ ने बैंकों को दो चरणों वाली वेरिफिकेशन प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी है। आरबीआइ ने कहा है कि सभी बैंकों की ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं पासवर्ड आधारित वेरिफिकेशन प्रक्रिया के साथ 'पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर' [पीकेआइ] आधारित वेरिफिकेशन से भी लैस होनी चाहिए।
जोखिम की जानकारी जरूरीआरबीआइ के मुताबिक बैंकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने ग्राहकों को ऑनलाइन ट्राजेक्शनों से जुडे़ जोखिम की जानकारी दें। इसके साथ-साथ ग्राहकों को ऑनलाइन लेन-देन के समय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वेरिफिकेशन प्रणाली चुनने के विकल्प मुहैया कराए जाने चाहिए।
पहले से तैयारीकेंद्रीय बैंक ने पहले से ही पीकेआइ आधारित कई तरह की इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियां शुरू कर रखी हैं। मसलन, आरटीजीएस, एनईएफटी, सीबीएलओ, फॉरेक्स क्लियरिंग, सरकारी प्रतिभूतियों की क्लियरिंग और चेक ट्रंकेशन सिस्टम। इन उपायों का उद्देश्य लेन-देन को सुरक्षित बनाना है ताकि ग्राहक बगैर किसी परेशानी के ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाओं का फायदा उठा सकें। कुछ बैंकों ने प्रमाणीकरण के लिए तीन चरणों वाले पीकेआइ लागू किए हैं।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में 15 फीसद कार्ड का इस्तेमाल
मुंबई। देश में उपभोक्ताओं को अब तक जारी किए गए 36.9 करोड़ डेबिट और क्रेडिट कार्डो में से 10 से 15 फीसद कार्डो का इस्तेमाल केवल ऑनलाइन ट्रांजेक्शनों के लिए किया जा रहा है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
भारत प्लास्टिक मनी सेगमेंट में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले देशों में शुमार है। देश में अब तक 35 करोड़ डेबिट कार्ड और 19 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन ट्रांजेक्शनों में इस्तेमाल हो रहे कार्डो में क्रेडिट कार्डो की हिस्सेदारी ज्यादा है। डेबिट कार्डो का ज्यादातर इस्तेमाल रोजाना के लेन-देन जैसे बिलों के भुगतान में किया जा रहा है। करीब 30 फीसद क्रेडिट कार्डो का इस्तेमाल ऑनलाइन खर्चो में हो रहा है। कुल कार्डो में से 10 से 15 फीसद कार्ड केवल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अपनी रिपोर्ट में आरबीआइ ने दो प्रमुख पेमेंट नेटवर्को मास्टरकार्ड और वीजा के अध्ययनों का हवाला दिया है। मास्टरकार्ड के मुताबिक कार्ड से होने वाले 75 फीसद भुगतान शीर्ष 20 शहरों में हो रहे हैं। वीजा के अध्ययन के मुताबिक 75,000 से एक लाख रुपये की मासिक आय वाले लोग इलेक्ट्रॉनिक कार्डो का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।