Move to Jagran APP

FY-18 में 4.3 से 4.7 फीसद रह सकती है खुदरा महंगाई

आरबीआई का मानना है कि अनुमानों के अनुरूप ही प्रमुख मुद्रास्फीति व्यापक रूप से बढ़ी है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 12:22 PM (IST)
FY-18 में 4.3 से 4.7 फीसद रह सकती है खुदरा महंगाई
FY-18 में 4.3 से 4.7 फीसद रह सकती है खुदरा महंगाई

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई दर 4.3 से 4.7 फीसद के आस पास रह सकती है। यह पूर्व अनुमान की तुलना में थोड़ा ज्यादा है। केंद्रीय बैंक ने इससे पहले अक्टूबर महीने में इसके 4.2 से 4.6 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगाया था। अब उसे लगता है कि जिस तरह कच्चे तेल का भाव बढ़ा है और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन भी बढ़े हैं उससे भी महंगाई का दबाव बढ़ेगा।

loksabha election banner

आरबीआई का मानना है कि अनुमानों के अनुरूप ही प्रमुख मुद्रास्फीति व्यापक रूप से बढ़ी है। आरबीआई ने अपनी पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में जिसमें उन्होंने नीतिगत ब्याज दरों को 6 फीसद पर बरकरार रखा था, कहा आगे मुद्रास्फीति अन्य कारकों से प्रभावित होगी। आपको बता दें कि आरबीआई ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में जो कि अक्टूबर महीने में हुई थे, उसमें भी नीतिगत दरों को यथावत रखा था।

रिजर्व बैंक ने कहा, “चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में महंगाई दर 4.3 से 4.7 फीसद अनुमानित है। आवास किराया (एचआरए) में वृद्धि से मुद्रास्फीति पर 0.35 फीसद तक का प्रभाव पड़ सकता है। जोखिम बराबर-बराबर है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में खाद्य एवं ईंधन को छोड़ महंगाई में जो कमी दिखी थी, वह स्थिति अब बदल चुकी है। उसने कहा, निकट भविष्य में इसमें वृद्धि होने का जोखिम बना रहेगा।”


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.