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RBI ने पेमेंट बैंक में अधिकतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया, RTGS और NEFT पर भी हुई बड़ी घोषणा

आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। आरबीआई ने यह राहत तत्काल प्रभाव से दी है। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक काफी समय से डिपॉजिट लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 09:18 AM (IST)
RBI ने पेमेंट बैंक में अधिकतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया, RTGS और NEFT पर भी हुई बड़ी घोषणा
भारतीय रिज़र्व बैंक P C : Reuters

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की है। मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने डिजिटल पेमेंट्स बैंक को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट बढ़ा दी है। आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। आरबीआई ने यह राहत तत्काल प्रभाव से दी है। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक काफी समय से डिपॉजिट लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इससे पहले सरकार ने डिपॉजिट इंश्‍योरेंस लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया था।

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इसके साथ ही नॉन-बैंक पेमेंट संस्थानों के लिए आरबीआई द्वारा संचालित केंद्रीयकृत पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) की सदस्यता की अनुमति प्रदान की गई है। इस सुविधा से वित्तीय प्रक्रिया में सेटलमेंट जोखिम के कम होने और सभी यूजर सेगमेंट तक डिजिटल वित्तीय सेवाओं की पहुंच बढ़ने की उम्मीद है।

इससे अब ग्राहकों को आरटीजीएस और  एनईएफटी के जरिए लेनदेन करने के लिए बैंकों के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ये सुविधा अब नॉन बैंकिग पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स भी दे सकेंगे।

भारत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आदि कुछ प्रमुख पेमेंट बैंक हैं। पेमेंट बैंक ग्राहकों से बचत खाते की पेशकश करते हैं। इनमें ग्राहक रुपये जमा करा सकते हैं। बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के उद्देश्य के साथ पेमेंट बैंकों को लाया गया था। पेमेंट बैंक लोन जैसी कुछ विशेष वित्तीय सेवाओं की पेशकश ग्राहकों से नहीं करते हैं।

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को चार फीसद, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद और बैंक रेट को 4.25 पर बनाए रखा है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है। दास ने कहा कि वैक्सीनेशन और इसका प्रभावी होना वैश्विक आर्थिक रिकवरी के लिए अहम है।


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