नोटबंदी के बाद लोग बैंक में नहीं अब अपनी अलमारी में रखने लगे नकदी: आरबीआई
पिछले तीन हफ्तों में कुल निकासी 164.7 बिलियन रुपये के स्तर पर आ गई है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश में एटीएम से नकदी खत्म होने की खबरों के बाद बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक डेटा जारी किया है। इसके डेटा के अनुसार लोग फिर से नकदी को अपने पास जमा कर के रख रहे हैं। इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में एटीएम में नकदी खत्म हो रही थी। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने पहले ही प्रिंटिंग प्रेस की स्पीड को बढ़ा दिया है ताकि ज्यादा करेंसी प्रिंट की जा सके।
विशिष्ट रूप से, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बैंकों से निकाले गये कैश के बाद वापस इसे सर्कुलेशन में लाने में कुछ समय लगता है। इस देरी के चलते वीकली रिजर्व मनी आंकड़ों से यह पता लगाना मुश्किल है कि आखिर लोगों ने कितने कैश की जमाखोरी की है। लेकिन ये डेटा ट्रेंड के बारे में मजबूत संकेत दे रहा है।
सर्कुलेशन में करेंसी की ये वृद्धि, जो डेटा का कारक है, ये दिखाता है कि लोग हर हफ्ते में कितनी निकासी कर रहे हैं और कितनी राशि आरबीआई बैंकों को उपलब्ध करा रही है।
20 अप्रैल तक वाले सप्ताह में, लोगों ने बैंकों से 163.4 बिलियन रुपये (2.44 बिलियन डॉलर) निकाले हैं, इसके बाद कुल तीनो हफ्ते की राशि का टोटल 595.2 बिलियन रुपये हो गया। पिछले तीन हफ्तों में कुल निकासी 164.7 बिलियन रुपये के स्तर पर आ गई है।
वहीं, जनवरी से मार्च तिमाही में कुल निकासी 1.4 ट्रिलियन रुपये रही है जो कि वर्ष 2016 की समान तिमाही से 27 फीसद ज्यादा है। कुल मिलाकर 20 अप्रैल तक सर्कुलेशनमें करंसी का आंकड़ा 18.9 ट्रिलियन रुपये के स्तर पर रहा है। यह बीते अक्टूबर की तुलना में 18.9 फीसद ज्यादा है जब निकासी ने रफ्तार पकड़ी थी।
इस महीने कई राज्यों में जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार शामिल हैं, से एटीएम में नकदी खत्म होने जैसी खबरें सामने आई थीं। इसपर न तो केंद्रीय बैंक और न ही कॉमर्शियल बैंकों को आइडिया है कि कैसे एकदम से निकासी इतनी बढ़ गई।