BSNL, MTNL के 'अच्छे दिन', सरकार ने किया ये बड़ा एलान
उन्होंने कहा कि इन कंपनियों में किसी के विनिवेश की भी इजाजत नहीं होगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। दूरसंचार कंपनी BSNL और MTNL को बंद करने को लेकर चल रहे तमाम कयासों पर बुधवार को ब्रेक लग गया। कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कर दिया है कि BSNL, MTNL को न तो बंद किया जाएगा, न ही इसे किसी थर्ड पार्टी के हवाले किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ना ही इनमें हिस्सेदारी घटाई जाएगी। सरकार ने बुधवार को दोनों दूरसंचार कंपनियों के सैद्धांतिक विलय की मंजूरी दे दी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि BSNL और MTNL के कर्मचारियों के लिए सरकार वीआरएस पैकेज लाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों के मर्जर में कुछ समय लगेगा। तब तक MTNL BSNL की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी।
प्रसाद ने कहा कि कि अगले चार साल में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रिकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। बीएसएनएल में अभी 1.76 लाख कर्मचारी हैं और वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का शुद्ध घाटा 13,804 करोड़ रुपये का रहा था।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'BSNL और MTNL को लेकर सरकार की सोच साफ है कि यह भारत का नीतिगत रूप से महत्वपूर्ण संपत्ति है। नेपाल में भूंकप और कश्मीर बाढ़ आती है तो BSNL की ओर से सहयोग मिलता है। हमारी आर्मी और बैंका का नेटवर्क भी BSNL के जिम्मे है। BSNL और MTNL को ना तो सरकार बेच रही है और ना ही हिस्सा घटा रही है। हम इसमें व्यावसायिकता लाने जा रहे हैं।'
Union Minister Ravi Shankar Prasad: Neither MTNL or BSNL are being closed, nor being disinvested, nor is being hired to any third party. pic.twitter.com/Zbnqg4bJhy — ANI (@ANI) October 23, 2019
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A" rel="nofollow — ANI (@ANI) October 23, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रसाद ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली दोनों कंपनियों के पुनरोद्धार के लिए सरकार 29,937 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रसाद ने कहा कि लागत कम करने को कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लायी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय किया जाएगा। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की अनुषंगी के तौर पर काम करेगी।
सेवानिवृत्ति योजना के बारे में प्रसाद ने बताया कि दोनो कंपनियों के 53.5 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी वीआरएस के दायरे में आएंगे। वीआरएस अपनाने वाले कर्मचारियों को इतने लाभ प्राप्त होंगे जितने 60 वर्ष तक सवा गुना वेतन मिलने पर प्राप्त होते। ये योजना पूरी तरह स्वैच्छिक होगी।
बीएसएनएल शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं है। दिल्ली और मुंबई में आपरेट करने वाली एमटीएनएल के 22 हजार कर्मचारी और 6701 ग्राहक हैं। इसका कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 87 फीसद है। दूरसंचार बाजार में दोनो कंपनियों की संयुक्त हिस्सेदारी करीब 10.22 फीसद है। एमटीएनएल शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी है। मार्च में समाप्त तिमाही में इसे 755.51 करोड़ का घाटा हुआ था। दोनो कंपनियों पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।