मिस्त्री-टाटा विवाद: रतन ने बताया मिस्त्री को टाटा से क्यों निकालना पड़ा
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा के बीच जारी विवाद पर बड़ा खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा के बीच जारी विवाद पर बड़ा खुलासा हुआ है। रतन टाटा ने बीते मंगलवार को बताया कि क्यो साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाना पड़ा। आपको बता दें कि रतन टाटा का यह पत्र सायरस मिस्त्री के उस ताजा बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि डोकोमो विवाद से संबंधित सभी फैसलों के बारे में रतन टाटा को पूरी जानकारी थी। मिस्त्री ने उन आरोपों को भी खारिज किया था, जिनमें समूह की ओर से कहा गया था कि डोकोमो विवाद में उन्होंने टाटा संस की संस्कृति के मुताबिक काम नहीं किया। गौरतलब है कि बीते 24 अक्टूबर को रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाकर खुद कमान संभाल ली थी।
क्या कहा रतन टाटा ने:
रतन टाटा ने कहा कि यह बहुत जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि टाटा समूह की भविष्य की सफलता के लिए साइरस मिस्त्री को हटाना बेहद जरूरी हो गया था। 6,60,000 कर्मचारियों वाली इस समूह के अंतरिम चेयरमैन के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे रतन टाटा ने कहा, 'टाटा संस की लीडरशिप में बदलाव का फैसला काफी सोच-समझकर और चर्चा के बाद लिया गया था।'
रतन बोले साइरस को हटाना मुश्किल फैसला रहा:
रतन टाटा ने कहा, 'यह कठिन फैसला था, लेकिन जरूरी था। बोर्ड का ऐसा विश्वास था कि टाटा संस के भविष्य की सफलता के लिए इस तरह का फैसला लिया जाना चाहिए।'
टाटा ग्रुप के नए चेयरमैन पद के लिए पांच सदस्यों वाली एक सर्च कमेटी का भी गठन किया जा चुका है जो फरवरी 2017 तक चेयरमैन पद के लिए किसी उपयुक्त व्यक्ति का चुनाव कर लेगी।