टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद को छोड़ने की बात को रतन टाटा ने नकारा
शुक्रवार को रतन टाटा ने स्पष्ट किया कि फिलहाल उनका टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद को छोड़ने की कोई योजना नहीं है
नई दिल्ली। शुक्रवार को रतन टाटा ने स्पष्ट किया कि फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद को छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है। यह बात ग्रुप ने एक स्टेटमेंट जारी कर बताई है। साइरस मिस्त्री को टीसीएस और टाटा टेली सर्विसेज के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि रतन टाटा टाटा ट्रस्ट का मुखिया पद छोड़ सकते हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, ट्रस्ट ने बाहरी कंसल्टेंट्स से नए चेयरमैन के चुनाव को लेकर सलाह मांगी थी। माना जा रहा थी कि अगले वर्ष के मध्य तक नए चेयरमैन की तलाश पूरी हो जाएगी।
रतन टाटा के नजदीकी आरके कृष्ण कुमार के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया था कि इस बार ट्रस्ट का नया चेयरमैन भारतीय ही होगा। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि वह पारसी हो या फिर टाटा परिवार का सदस्य हो। आपको बता दें कि रतन टाटा ने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटा दिया था। इसके बाद से वह खुद ट्रस्ट के अंतरिम चेयरमैन थे।
टाटा समूह की अन्य कंपनियों में टाटा ट्रस्ट का 41 अरब डॉलर का निवेश है। बाताया जा रहा था कि रतन टाटा पद छोड़ने के बाद भी एक अहम सदस्य बने रहेंगे। रतन टाटा ने 2012 में जब साइरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बनाया था, तब भी वह टाटा ट्रस्ट के मुखिया बने हुए थे।
नुस्ली वाडिया ने टाटा ग्रुप के खिलाफ दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा
नुस्ली वाडिया ने बीते गुरुवार को टाटा ग्रुप के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने ग्रुप से मानहानि के एवज में 3 हजार करोड़ रुपए के मुआवजे का एलान किया है। आपको बता दें कि नुस्ली वाडिया रतन टाटा के पुराने सहयोगी हैं और टाटा ग्रुप की कंपनियों (टाट केमिकल्स, टाट मोटर्स और टाटा स्टील) के स्वतंत्र निदेशक भी हैं। गौरतलब है कि टाटा ग्रुप ने वाडिया को अपनी कंपनियों में डायरेक्टर पद से हटाने के लिए नोटिस जारी किया है।