रैंकिंग सुधरी, लेकिन भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति जस की तस
भारत में पिछले दो वर्ष के दौरान भ्रष्टाचार भले ही चुनावी मुद्दा रहा हो, लेकिन सरकारी क्षेत्र में यह अब भी जस का तस है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा बुधवार को जारी करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स (सीपीआई)--2015 में भारत का स्कोर पिछले साल की तरह ही 38 बना हुआ है।
नई दिल्ली। भारत में पिछले दो वर्ष के दौरान भ्रष्टाचार भले ही चुनावी मुद्दा रहा हो, लेकिन सरकारी क्षेत्र में यह अब भी जस का तस है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा बुधवार को जारी करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स (सीपीआई)--2015 में भारत का स्कोर पिछले साल की तरह ही 38 बना हुआ है।
सीपीआई में 0 से लेकर 100 तक अंक होते हैं। जिस देश को जितने ज्यादा अंक दिए जाते हैं, उस देश में उतना कम भ्रष्टाचार होता है। हालांकि सूची में शामिल 168 देशों में भारत को 76वां स्थान मिला है। रिपोर्ट में इस बार 168 देश शामिल किए गए, जबकि 2014 में 174 देश थे।
इन आधारों पर जांची गई ईमानदारी
प्रेस की आजादी का स्तर
बजट जानकारियों तक लोगों की पहुंच
सत्ता और न्यायपालिका में बैठे लोगों में ईमानदारी का स्तर
सरकारी विभागों में गरीब और रईसों के प्रति भेदभाव नहीं