मुझे नोट बदलवाने अमेरिका से भारत आना पड़ा, नहीं थी नोटबंदी की जानकारी: राजन
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि उन्हें नोटबंदी की सही तारीख की जानकारी नहीं थी
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि उन्हें खुद अपने नोट बदलवाने के लिए भारत आना पड़ा था क्योंकि उन्हें नोटबंदी की तारीख की जानकारी नहीं थी। हालांकि इस प्रक्रिया की शुरुआत उनके गवर्नर रहते हुए शुरू की गई थी। गौरतलब है कि राजन ने अपना तीन साल का कार्यकाल बीते साल 4 सितंबर को खत्म किया था और वो तब अपने साथ कुछ इंडियन करेंसी अमेरिका ले गए थे।
उन्होंने कहा कि वे कभी भी नोटबंदी के पक्ष में नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि नोटबंदी की तात्कालिक लागत इसके दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ेगी। पूर्व आरबीआई गवर्नर जो कि मौजूदा समय में शिकागो यूनीवर्सिटी में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं ने यह बात अपनी बुक आई डू वॉट आई डू की लॉन्चिंग के मौके पर कही। राजन ने कहा कि फरवरी 2016 में सरकार ने उनसे नोटबंदी पर नजरिया पूछा था जिसपर उन्होंने मौखिक रूप से प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि वास्तव में नोटबंदी के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई थी।
राजन से जब पूछा गया कि क्या 8 नवंबर 2016 को लिए गए फैसले ने उन्हें हैरान किया जिसमें 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य कर दिया गया था, जो कि उस वक्त बाजार में प्रचलित कुल मुद्रा का 86 फीसद हिस्सा थे। इस पर उन्होंने कहा कि वो अपने साथ कुछ भारतीय मुद्रा अमेरिका ले गए थे और उन्हें वास्तव में भारत आकर उन्हें नई करेंसी से बदलवाना पड़ा।